मुझे बहुत कम उम्र में अहसास हो गया था कि मैं एक्टिंग करूंगा: वैभव माथुर

एंडटीवी के शो भाबीजी घर पर हैं में टीका की भूमिका निभा रहे वैभव माथुर अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से पिछले सात साल से दर्शकों को गुदगुदा रहे हैं। उन्हें टेलीविजन इंडस्ट्री में अपनी इसी कॉमिक टाइमिंग के कारण काफी शोहरत और पहचान मिली है। उन्होंने अपने किरदार टीका से लोगों को खूब हंसाया है। वैभव माथुर ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं हमेशा से एक नौटंकी करने वाला बच्चा था। मुझे बहुत कम उम्र में ही यह अहसास हो गया था कि मैं एक्टिंग करूंगा। मैं अपने टीचर्स की नकल उतारता था और मेरे साथी हंसते थे। वो कहा करते थे, ‘बड़ा होकर एक्टर ही बनेगा तू’। बीतते वक्त के साथ मुझे वॉइस-ओवर में ज्यादा दिलचस्पी हुई और मैंने स्कूल में नाटकों में भाग लिया। मैंने कई बार नुक्कड़ नाटक में अपने कॉलेज का प्रतिनिधित्व किया। वह एक्टर बनने के मेरे निर्णायक सफर की शुरूआत थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने थियेटर में काम किया और कई विज्ञापन किये। मेरी योग्यता देखकर मुझे दिल्ली के एचआरडी (मानव संसाधन विभाग) ने स्कॉलरशिप भी दी, जिससे मुझमें एक्टिंग को फुल-टाइम कॅरियर बनाने का आत्मविश्वास आया। उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। जिन्दगी के किसी भी सफर में सफलता नहीं मिलेगी, जब तक कि आपको पेरेंट्स का साथ न मिले। मेरे पेरेंट्स परेशान थे और चाहते थे कि मैं कोई स्थायी कॅरियर चुनूं।

उन्हें मेरी एक्टिंग के बारे में भी पता था और वे नहीं चाहते थे कि मैं अपना सपना छोड़ दूं। उन्होंने कोशिश की कि मैं पहले चीजों को समझूं, लेकिन आखिरकार मैंने उन्हें समझा दिया कि एक्टर बनना मेरे लिये कितना मायने रखता है (हंसते हैं)। मुंबई आने के बाद मैंने फिल्मों और कई कॉमेडी शो में कैमियो और एपिसोडिक रोल किये, लेकिन मुझे पहचान नहीं मिली। मैं निराश होता था और अपने फैसले पर सवाल करता था। लेकिन मेरा मानना है कि भगवान की योजना आपके लिये आपसे बेहतर होती है और ‘भाबीजी घर पर हैं’ मुझे मिला। इस शो ने मुझे रोजी रोटी दी और मुझे वह शोहरत भी मिली, जिसकी हर एक्टर को चाहत होती है।

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