‘पायलट प्रोजेक्ट’ पास या फेल ?- अशोक गहलोत के फेर में फिर उलझे अजय माकन

जयपुर
पक्षपात का आरोप झेल रहे राजस्थान के प्रभारी अजय माकन के इस्तीफे की पेशकश के बाद शांत पड़ राजनीति में सियासी उबाल आ गया है। अजय माकन ने इस्तीफे की पेशकश कर गहलोत कैंप पर ऐक्शन लेने के लिए पार्टी आलाकमान पर दबाव बना दिया है। सीएम अशोक गहलोत के प्रभाव और रुतबे के चलते पार्टी आलाकमान गहलोत समर्थकों पर ऐक्शन लेने से कतरा रहा है, लेकिन जिस तरह अजय माकन ने इस्तीफे की पेशकश कर दबाव की रणनीति अपनाई है। गहलोत कैंप के विधायकों ने अजय माकन पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग ठंडे बस्ते में डाल दिया। इससे आहत होकर अजय माकन ने इस्तीफे की पेशकश कर दी। अजय माकन पर पायलट कैंप की छाप लगने के आरोप है। बता दें, राजस्थान में अनिर्णय की स्थिति में माहौल बिगड़ रहा है। वर्ष 2020 में सचिन पायलट की बगावत के समय तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय पर गाज गिरी थी। पांडेय को प्रभारी महासचिव के पद से हटा दिया गया था। तब सचिन पायलट गुट के नेताओं ने पांडेय पर एतरफा काम करने का आरोप लगाया था। इस बार गहलोत कैंप ने अजय माकन को निपटा दिया है।

गहलोत कैंप इस्तीफे को जीत तौर पर देख रहा है
बगावत कै टैग झेल रहे पायलट कैंप लगातार ऐक्शन की मांग कर रहा था। गहलोत समर्थक मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेद्र राठौड को नोटिस देने के 51 दिन बाद भी कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। गहलोत कैंप माकन के इस्तीफे को जीत के तौर पर देख रहा है। जबकि पायलट कैंप के विधायक नई सिरे से रणनीति बना रहे है। माकन के इस्तीफे को पायलट कैंप के विधायकों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पायलट कैंप के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, खिलाड़ी लाल बैरवा ने इशारों में पार्टी आलाकमान चेता दिया है। एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा का कहना है कि पार्टी आलाकमान को नेतृत्व बदलने के लिए तुरंत निर्णय लेना चाहिए।

गहलोत समर्थकों ने किया था बैठक का बहिष्कार
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 25 सितंबर को गहलोत समर्थक विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। राजस्थान प्रभारी अजय माकन 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेद्र राठौड़ पर ऐक्शन चाहते हैं। बताया जा रहा है कि अजय माकन  धर्मेंद्र राठौड़ को राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री की तैयारियों की जिम्मा सौंपने से भी नाराज है। कांग्रेस आलाकमान सीएम अशोक गहलोत को नाराज नहीं करना चाहता है।

पायलट समर्थक बोले- विधायक दल की बैठक बुलाई जाए
सचिन पायलट समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान को विधायक दल की बैठक तुरंत बुलानी चाहिए। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले विधायकों का मन टटोलना चाहिए। पार्टी आलाकमान को तुरंत नेतृत्व परिवर्तन करनी चाहिए। राजस्थान में कांग्रेस का आम कार्यकर्ता और नेता असंमजस की स्थिति में है। जिसे केवल आलाकमान मिटा सकता है। वह असंमजस विधायकों से बात करके ही मिटाया जा सकता है। फिलहाल राजस्थान की सियासी घटनाक्रम में सीएम अशोक गहलोत औऱ ज्यादा ताकतवर बनकर उभरे हैं। पायलट कैंप के नेताओं की मांग को कांग्रेस आलाकमान लगातार अस्वीकार कर रहा है।

 

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