डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस-राहुल गांधी की राजस्थान एंट्री से पहले दूर होंगे गहलोत-पायलट के तकरार?

 नई दिल्ली 
कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 4 दिसंबर को अपनी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राजस्थान पहुंचने वाले हैं। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और युवा नेता सचिन पायलट के बीच जारी लड़ाई पार्टी के लिए सिरदर्द बन चुकी है। पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। राहुल गांधी के करीबी नेता और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को दोनों नेताओं से बात करने और सुलह का रास्ता निकालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह 29 नवंबर को जयपुर की यात्रा करने वाले हैं। बात करते हुए केसी वेणुगोपाल ने कहा, "राजस्थान में कोई संघर्ष नहीं है। पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से राजस्थान कांग्रेस की ताकत दिखाएगी।" सूत्रों के मुताबिक, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से मुलाकात कर दिल्ली आए वेणुगोपाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से राजनीतिक संकट पर चर्चा की है। इसके बाद 29 नवंबर को उनकी जयपुर यात्रा तय की गई है।

जानकारी के अनुसार, जयपुर दौरे के दौरान केसी वेणुगोपाल भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान चरण के लिए गठित समितियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान वह दोनों नेताओं से अलग-अलग बात कर मसले का हल निकालने का भी प्रयास करेंगे। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान की तरफ से उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किसी भी तरह की बयानबाजी या अनुशासनहीनता से दूर रहने की कड़ी चेतावनी भी दी जाएगी।

इससे पहले 25 सिंतबर को जब अशोक गहलोत दिल्ली आए और उनके खेमे के विधायकों के द्वारा जयपुर में समानांतर बैठक करने के लिए सोनिया गांधी से माफी मांगी तो वेणुगोपाल भी संगठन के महासचिव के रूप में बैठक में मौजूद थे। 10 जनपथ से बाहर निकलते हुए केसी वेणुगोपाल ने कहा था, 'राजस्थान में नेतृत्व के सवाल का समाधान 2 से 3 दिनों में हो जाएगा।' आपको बता दें कि उनके बयान के अब दो महीने बीत चुके हैं और गहलोत-पायलट के बीच ताजा खींचतान से मामला और उलझ गया। सूत्रों के अनुसार पायलट पार्टी आलाकमान पर नेतृत्व बदलने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कथित तौर पर आलाकमान को विधायकों का गुप्त वोट कराने और अगले नेता पर फैसला करने के लिए कहा है। वहीं, गहलोत दावा करते रहे हैं कि विधायक उनके साथ हैं। सूत्रों का दावा है कि सचिन पायलट एक कदम और आगे बढ़ गए और कहा कि गहलोत को हटाए जाने पर सरकार नहीं गिरेगी।

राजस्थान ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। दूसरी समस्या यह है कि गुजरात चुनाव में सिर्फ गहलोत ने कांग्रेस की चुनावी कमान संभाली है और राहुल की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। सूत्रों का कहना है कि खड़गे गुजरात चुनाव के बाद राजस्थान मुद्दे को सुलझाने के मूड में हैं। इसीलिए आलाकमान के दूत के रूप में संगठन के महासचिव इस समय स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए 29 नवंबर को जयपुर जा रहे हैं।
 

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