गुजरात की जीत में MP के मंत्रियों, संगठन नेताओं ने निभाई अहम भागीदारी

भोपाल

गुजरात में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, मंत्रियों और संगठन नेताओं की भूमिका भी बीजेपी की चुनावी फतह में मजबूत रही है। एमपी के मंत्रियों ने एक-एक हफ्ते तक लगातार उन क्षेत्रों में डेरा डालकर पार्टी के लिए चुनाव कैम्पेनिंग की जहां की जिम्मेदारी बीजेपी संगठन ने उन्हें सौंपी थी। गुजरात के 37 विधानसभा सीटों पर एमपी के नेताओं की मेहनत और चुनावी रणनीति के आधार पर प्रचार किया गया और जीत हासिल करने में सफलता मिली। सबसे अधिक समय देने वाले मंत्रियों में डॉ नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, अरविन्द भदौरिया और इंदर परमार शामिल रहे। हालांकि अंतिम दौर में मंत्री भूपेंद्र सिंह, मोहन यादव, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, जगदीश देवड़ा भी गुजरात पहुंचे थे।

प्रदेश के झाबुआ और अलीराजपुर से गुजरात के सात जिले दाहौद खेड़ा, महिसागर, पंचमहल, बढ़ौदा ग्रामीण, बढ़ौदा नगर और आणंद जिले लगे हुए हैं। इन क्षेत्रों में मध्य प्रदेश से ऐसे कार्यकर्ता भेजे थे, जिनका वहां प्रभाव या अच्छा संपर्क है। सौराष्ट्र में एमपी से  दो प्रभारी जीतू जिराती और श्याम महाजन बनाए गए थे। सेंट्रल गुजरात में प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को जवाबदेही सौंपी गई थी। मंत्री नरोत्तम और सारंग गुजरात के बनासकांठा जिले में लगातार कैंप करते रहे।

मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने की थी सभाएं और बैठकें
गुजरात चुनाव में डिमांड के आधार पर बीजेपी संगठन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की भी ड्यूटी चुनावी सभाओं और प्रबुद्धजनों की बैठक के लिए लगाई थी। मुख्यमंत्री चौहान ने गुजरात चुनाव में कई सभाएं ली थीं। वे मांडवी, भावनगर, गांधीधाम और मोरबी विधानसभाओं में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। वे भारतीय जनता पार्टी के कारपेट बॉम्बिंग कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष शर्मा अहमदाबाद और आस-पास के जिलों में प्रबुद्धजनों की बैठक और अन्य चुनावी कार्यक्रमों में तीन दिन तक शामिल हुए थे। वे साबरमती क्षेत्र में नुक्कड़ सभाओं को भी संबोधित करने पहुंचे थे।

यहां लगी थी नरोत्तम, सारंग, परमार, भदौरिया की टीम
भाजपा के केंद्रीय संगठन ने एमपी के आठ मंत्रियों की ड्यूटी गुजरात चुनाव प्रचार में लगाई थी लेकिन चार मंत्री ऐसे थे जिन्हें लगातार कैंप करने के लिए कहा गया था। इसमें गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सहकारिता मंत्री अरविन्द भदौरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार शामिल थे। मंत्री डॉ मिश्रा को बाव, थराद, धानेरा, डीसा, दियोदर, मंत्री सारंग को दांता, बड़गाम, पालनपुर, कांकरेज विधानसभा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वहीं मंत्री भदौरिया को भरूच जिले की जंबुसर, बागरा, झगडीया, भरूच और अंकलेश्वर, मंत्री परमार को खेड़ा जिले की मातर, नडीयाद, महेमदाबाद, महुधा, ठासरा और कपड़वंज की जिम्मेदारी मिली थी।

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