राजधानी के Police commissioner system में महिलाएं असुरक्षित,दुष्कर्म की घटनाओं में 11 फीसदी की बढ़ोत्तरी

भोपाल.
 मध्यप्रदेश में पुलिस कमिश्नर सिस्टम महिला अपराध के मामले में फेल साबित हो रहा है. हाल ही में एक साल पूरा होने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भले ही अपनी पुलिस की पीठ थपथपाई हो लेकिन पुलिस रिकॉर्ड के जो आंकड़े सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. भोपाल एक साल में महिला विरोधी अपराध 12 फीसदी तक बढ़ गए हैं. रेप की वारदात 11 फीसदी बढ़ गयी हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 नवम्बर 2021 को भोपाल और इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी. इसके बाद 9 दिसंबर 2021 को भोपाल और इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया था. 9 दिसंबर 2022 सिस्टम को एक साल पूरा हो गया.  सिस्टम के 1 साल पूरे होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपराधों और सामुदायिक पुलिसिंग के तहत किये जा रहे भोपाल पुलिस के कार्यों  की समीक्षा की. उन्होंने पुलिस की तारीफ करते हुए कहा था कि भोपाल में अपराधों में अभूतपूर्व कमी आई है. महिला सुरक्षा, बाल सुरक्षा, गुंडों-बदमाशों पर काबू पाने में  प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत भोपाल पुलिस की गई कार्रवाई कारगर सिद्ध हुई हैं.

सन्न करने वाले हैं आंकड़े
लेकिन गृहमंत्री की तारीफ के बाद पुलिस रिकॉर्ड में जो आंकड़े सामने आए वह चौंकानेवाले हैं. महिला अपराध को लेकर राजधानी भोपाल की स्थिति अभी तक नहीं सुधरी है. बल्कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद और बिगड़ गयी है. हद तो ये है कि महिला विरोधी अपराध 12 फीसदी तक बढ़ गए हैं. रेप जैसे जघन्य अपराध में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

नवंबर
अपराध    2021   2022
रेप            361     405
किडनैपिंग    317   337
सुसाइड      14     18
दहेज प्रताड़ना 474   595
कुल      1714     1944
(साल 2021 के मुकाबले 2022 नंबर तक 12 फीसदी महिला अपराध बढ़े हैं…)

भोपाल के अलावा इंदौर में भी महिला अपराध को लेकर स्थिति जस की तस है. सरकार हर साल महिला सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाती है लेकिन जब यह आंकड़े सामने आते हैं तो इनसे इन तमाम दावों की पोल खुल जाती है. पुलिस मुख्यालय से लेकर हर जिले में महिला अपराध रोकने के लिए पुलिस की स्पेशल यूनिट काम कर रही है. इसके बावजूद महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. उनके साथ होने वाले अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं.

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