जॉर्जिया की MBBS छात्रा महाराष्ट्र में बनी सरपंच, पिता के एक फोन पर लौटी स्वदेश

महाराष्ट्र

विदेश से पढ़ाई कर डॉक्टर बनने का सपना लिए जॉर्जिया गई एक छात्रा अब महाराष्ट्र के गांव की सरपंच बन गई है। सुनने में कहानी थोड़ी अजीब लग सकती है, लेकिन सच है। पिता के कहने पर स्वदेश लौटी छात्रा इलाके के हालात बेहतर करने की उम्मीद जता रही हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि पढ़ाई ऑनलाइन जारी रखेंगी। विस्तार से समझते हैं।

21 वर्षीय यशोधरा शिंदे जॉर्जिया में मेडिकल डिग्री के लिए पढ़ाई कर रही थीं। इस दौरान उन्हें पिता ने फोन कर सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए वापस आने के लिए कहा। पिता चाहते थे कि बेटी सांगली जिले के वड्डी गांव से चुनाव लड़े। पिता के कहने पर उन्होंने वापसी की टिकट कटाई और चुनाव लड़ने के लिए तैयार भी हो गईं। इधर, किस्मत ने उनका साथ दिया औऱ मंगलवार को 147 मतों से उन्होंने जीत हासिल कर ली।  बातचीत में यशोधरा ने कहा, 'मैं गांव में रही हूं। मेरे परदादा और मेरे दादी ने सरपंच के तौर पर पड़ोसी गांव नरबाड में 15 सालों तक योगदान दिया है। यहां के लोग चाहते थे कि पद के लिए मेरे परिवार से कोई चुनाव लड़े। उन्होंने एक बार फिर विकास की उम्मीद थी।'

उन्होंने कहा, 'चूंकि मैं यहां लंबे सेय तक रही हूं, तो गांव की मेरे दिल में खास जगह है। मैं यहां कि परेशानियां जानती हूं। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ पर ध्यान देने की जरूरत है।' पढ़ाई को लेकर उन्होंने कहा, 'मैं फिलहाल फोर्थ ईयर में हूं और मेरा मेडिकल ग्रेजुएशन में डेढ़ साल ही बाकी है। मैं इसे ऑनलाइन करूंगी।'

उन्होंने कहा, 'जॉर्जिया में मेरे दोस्तों ने बधाई के लिए कॉल किया और हर संभव मदद का वादा किया। मैं हमेशा से डॉक्टर बनना चाहती थी और मैं अपना सपना पूरा करने जा रही हूं। सरपंच के पद ने मुझे जरूरतमंद लोगों की मदद करने का मौका दिया है।'
 

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