कोरोना की गिरफ्त में चीन : मौत के आंकड़े इतने कम क्यों? यह है असल वजह

बीजिंग
चीन में कोरोना वायरस महामारी से भारी तबाही की खबरें आ रही हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में वहां के श्मशान घाटों में लाशों का अंबार लगने की जानकारी दी गई है. हालांकि चीनी सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस हफ्ते सोमवार को देश भर में कोविड-19 संक्रमण से सिर्फ 2, जबकि मंगलवार को पांच लोगों की मौत हई. वहीं सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे पहले के दो हफ़्तों में एक भी मौत नहीं हुई. ऐसे में इन आंकड़ों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

इन आलोचनाओं के बीच चीन ने कोरोना वायरस से हो रही मौतों की गणना के तरीके को लेकर सफाई दी है. बीजिंग के मुताबिक, सिर्फ सांस की बीमारी और निमोनिया से होने वालीं मौतों को ही कोविड-19 की मौत में गिना जा रहा है. चीन में संक्रामक रोग के विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर वांग गुई-क्वांग ने साफ़ किया कि कोरोना वायरस के कारण हुए निमोनिया और श्वसन तंत्र के फेलियर से हुई मौतों को ही कोविड से हुई मौतों में गिना जाता है.

प्रोफेसर वांग ने साथ ही कहा कि चीन में कोरोना महामारी के इस तेजी से फैलने के पीछे ओमिक्रॉन वेरिएंट हैं. इसमें मरीज़ों की संख्या भले अधिक है, लेकिन यह वेरिएंट कम घातक होता जा रहा है. इसलिए मौत की संख्या भी कम है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि चीन टीकाकरण की रफ्तार बढ़ा रहा था, जिसका मतलब है कि संक्रमण और मौतों का पैटर्न भी बदल रहा था.

बता दें कि चीन में कोरोना से हुई मौत को गिनने का यह तरीका विश्व स्वास्थ्य संगठन के बताये तरीके से अलग है और  इसी वजह से यहां कोरोना वायरस की तेज़ लहर और स्वास्थ्य व्यवस्था के चरमराने की खबरों के बावजूद मौत के आधिकारिक आंकड़े बहुत कम हैं.

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