अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के चौथे दिन आगन्तुकों की बेतहासा रही उपस्थिति

दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन

भोपाल

स्थानीय लाल परेड ग्राउंड पर चल रहे अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के चौथे दिन शुक्रवार को आगन्तुकों की बेतहासा भीड़ देखी गई। वन-भोज रसोई के व्यंजन लोगों के स्वाद को बढ़ा रहे हैं। मेले में आए 28 हजार लोगों ने मेले का आनंद उठाया। मेले में अब तक 76 लाख 80 हजार रूपए के वनोपज हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बिक्री हो चुकी है।

प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज पुष्कर सिंह ने बताया कि मेले में मौजूद ओपीडी में 6 हजार से ज्यादा आगन्तुकों ने आयुर्वेद चिकित्सक और अनुभवी वैद्यों से नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श लिया।

बाँस उत्पाद खरीदी में ज्यादा रही दिलचस्पी

वन मेले में लगे बाँस उत्पादों के स्टाल्स पर लोगों की खरीदी में ज्यादा दिलचस्पी रही। इनमें बाँस के फर्नीचर, घर सजावट के सामान और अन्य प्रकार की सामग्री शामिल है। लोगों के इस रूझान से बाँस के उत्पाद में संलग्न वन समितियों को अच्छा खासा प्रोत्साहन मिल रहा है।

4 तकनीकी सत्रों में हुआ मंथन

लघु वनोपज से आत्म-निर्भरता विषय पर हुई दो दिवसीय कार्यशाला में 4 तकनीकी-सत्रों में मंथन हुआ। प्रथम-सत्र में नेपाल सरकार के जलवायु परिवर्तन एवं सलाहकर डॉ. माधव कार्की, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के सौरभ शर्मा, द रॉयल भूटान बायोडायवर्सिटी पार्क से डॉ. मणिप्रसाद निर्रोला ने प्रस्तुति दी। द्वितीय-सत्र में डॉ. दिलीप कुमार (सीईओ एमपीएमएफसी पार्क भोपाल) बस्तर फूड जगदलपुर (छग) से सुरजिया शेख, सेन्ट्रल सिल्क बोर्ड के सदस्य आर.आर. ओखंडियार ने अहम जानकारी दी।

तृतीय-सत्र में 'लघु वनोपज से आत्म-निर्भरता पर अध्‍ययन एवं पहलुओं के साझीकरण पर डाबर इंडिया के ही अनिल शर्मा और आशुतोष दुबे, नैचुरल रेमिडीज से प्रकाश वी और डॉ. देवस्य प्रताप सिंह ने अपने अनुभव सांझा किया। अंतिम-सत्र "लघु वनोपज संबंधित बाजार में चुनौतियाँ एवं अवसर" विषय पर डॉ. मनीष पाण्डेय, नेपाल से आए यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि बीजेन्द्र बसन्यात और सुमिंटर इंडिया के राजीव मित्तल ने विचार रखे। भूतपूर्व वन बल प्रमुख रवि श्रीवास्तव के मुख्य आतिथ्य में कार्यशाला का समापन हुआ। वन प्रबंधन संस्था के प्रोफेसर डॉ. मनमोहन यादव ने आभार माना।

20 विद्यालयों के विद्यार्थियों ने किया अदभुत कला का प्रदर्शन

मेला प्रांगण में सुबह 11 से रात्रि तक रंगारंग कार्यक्रम हुए। एकल और सामूहिक गायन में 20 विद्यालयों के 165 छात्र-छात्राओं ने अदभुत कला का प्रदर्शन किया। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर उनकी विलक्षण प्रतिभा को सराहा गया। सरगम म्यूजिकल सह वैशाली रायकवार द्वारा आर्केस्टा की भव्य प्रस्तुति दी गई। साथ ही एल.एन. आयुर्वेद कॉलेज एवं हास्पिटल के विद्यार्थियों ने शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को आकर्षित किया।

शनिवार को होने वाले कार्यक्रम

मेले के 5वें दिन क्रेता-विक्रेता सम्मेलन होगा। इसमें हर्बल, आयुर्वेदिक एवं जड़ी-बूटियों के व्यवसाय से जुड़े विभिन्न निर्माता, प्र-संस्करणकर्ताओं के प्रतिनिधियों के साथ लघु वनोपज समितियाँ शामिल होंगी। लघु वनोपज समितियाँ विभिन्न कंपनियों के क्रेता-विक्रेताओं से सीधी बातचीत करेंगे, जिससे भविष्य में व्यापार के अवसरों को खोजा जायेगा। इसी दिन सुबह सोलो और ग्रुप नृत्य की प्रस्तुति और दोपहर में एम.एम. म्यूजिकल ग्रुप द्वारा आर्केस्ट्रा की प्रस्तुति दी जाएगी। शाम के समय रानी दुलैया कॉलेज के छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति और मशहूर गायक विनोद राठौर की खास प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र रहेगी।

 

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