अफगानिस्तान में सजा के नाम पर क्रूरता,कोड़े मारे-4 के हाथ काट डाले

कंधार
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में सजा के नाम पर क्रूरता जारी है। यहां एक स्टेडियम में चोरी और समलैंगिक सेक्स के इल्जाम में 9 लोगों को कठोर सजा दी गई। उन्हें कोड़े मारे गए। कहा जा रहा है कि 4 लोगों के हाथ तक काट डाले। लोकल टोल न्यूज के अनुसार, तालिबान के सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान में कहा कि कंधार में अहमद शाही स्टेडियम में 9 लोगों को दंडित किया गया। पढ़िए दिल दहलाने वाली सजा की कहानी…

स्टेडियम में किसी खेल आयोजन की तरह दी गई सजा, पढ़िए 10 पॉइंट्स
1. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने डकैती और अलैंगिक संबंध-लौंडेबाजी(sodomy- इसे ब्रिटिश अंग्रेजी में बगरी-buggery भी कहते हैं) के 9 दोषियों को कंधार के अहमद शाही स्टेडियम में सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए।

2. टोलो न्यूज के अनुसार, प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता हाजी जैद ने कहा कि दोषियों को 35-39 बार कोड़े मारे गए थे। इस दौरान अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।

3. अफगान पुनर्वास मंत्री और ब्रिटेन में शरणार्थियों के मंत्री के पूर्व पॉलिसी एडवायजर शबनम नसीमी ने कहा कि तालिबान ने कंधार के एक फुटबॉल स्टेडियम में चार लोगों के हाथ काट दिए।

4.शबनम नसीमी ने एक tweet में  कहा-तालिबान ने कथित तौर पर आज(17 जनवरी) कंधार के एक फुटबॉल स्टेडियम में दर्शकों के सामने चोरी के आरोपी 4 लोगों के हाथ काट दिए हैं। बिना फेयर ट्रायल और उचित प्रक्रिया के अफगानिस्तान में लोगों को पीटा जा रहा है। काट दिया जा रहा है और मार डाला जा रहा है। यह एक मानवाधिकारों का उल्लंघन है।”

5.पिछले साल दिसंबर में, तालिबान ने सार्वजनिक रूप से एक व्यक्ति को मार डाला था। यह तालिबान समूह के अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद सत्ता पर कब्जा करने के बाद इस तरह की पहली सजा थी।

6. तालिबान में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर संयुक्त राष्ट्र(United Nations) ने निंदा की है। विशेषज्ञों ने बतौर सजा कोड़े मारने की निंदा की है। उन्होंने तालिबान से सभी प्रकार के कठोर दंडों को तुरंत रोकने का आह्वान किया है।

7.संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा-"हम इन दंडों से पहले के परीक्षणों की निष्पक्षता के बारे में संदेह उठा रहे हैं, जो बुनियादी निष्पक्ष परीक्षण गारंटी को पूरा नहीं करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून ऐसी क्रूर सजा के कार्यान्वयन पर रोक लगाता है। विशेष रूप से मृत्युदंड पर।"

8.इस सार्वजनिक सजा की दुनियाभर में निंदा हो रही है। अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद तालिबान ने कट्टरपंथियों के सर्वोच्च नेता के एक आदेश के बाद अपराधियों को कोड़े मारना और सार्वजनिक रूप से फांसी देना शुरू कर दिया है।

9. हालांकि तालिबान तर्क देता है कि ऐसी सजा देने से लोगों के मन में गलत काम करने के प्रति डर पैदा होगा। वे अपराध करने से डरेंगे।

10. तालिबानी आदेश दुनियाभर में चिंता का विषय बने हुए हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा पर बैन लगा दिया था। इसे लेकर भी विरोध हो रहा है।

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