अमेरिकी संसद में पाकिस्तान के ‘पर कतरने’ की तैयारी, सांसद ने पेश किया अहम बिल

 अमेरिका

 अमेरिका की संसद में पाकिस्तान के खिलाफ बेहद महत्वपूर्ण बिल पेश किया गया है और अगर ये बिल अमेरिकी संसद में पास कर दिया जाता है, तो पाकिस्तान के लिए इस साल का ये सबसे बड़ा झटका होगा। एक अमेरिकी सांसद ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक बिल पेश किया है, जिसमें पाकिस्तान को प्रमुख गैर- नाटो देश होने से हटाने की मांग की गई है। पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकवाद फैलाने वाले देश के तौर पर बदनाम हो गया है और जिस तरीके से अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद पाकिस्तान में उसके पक्ष में आवाजें उठी थीं, उसी के बाद से कहा जाने लगा था, कि अमेरिका में पाकिस्तान को लेकर काफी विरोध फैल गया है।

पाकिस्तान के खिलाफ अहम बिल
पाकिस्तान, जो इस्लामिक आतंकवाद का सेंटर बन चुका है, उसे हर साल कुछ शर्तों के साथ गैर-नाटो सहयोगी देश होने का सर्टिफिकेट मिलता है। पाकिस्तान को ये प्रमाण हर साल नाटो प्रेसिडेंट से हासिल करना पड़ता है। पाकिस्तान के खिलाफ ये बिल (एचआर 80) सांसद एंडी बिग्स ने पेश किया है, जो एरिजोना के पांचवें कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालांकि, इस बिल को पास होने के लिए पहले अमेरिकी संसद में इसे पारित किया जाना होगा और फिर इसे सीनेट में भेजा जाएगा। अगर सीनेट में भी इस बिल को पास कर दिया जाता है, तो फिर आखिरी दस्तखत के लिए इसे राष्ट्रपति जो बाइडेन के पास भेजा जाएगा। अगर बाइडेन भी इसपर दस्तखत कर देते हैं, तो फिर अमेरिका में पाकिस्तान के खिलाफ ये नया कानून बन जाएगा। वहीं, अगर जरूरत पड़ी, तो इस बिल में आवश्यक बदलाव के लिए इसे फॉरेन अफेयर्स कमेटी के पास भी भेजा जा सकता है।

क्या बिल पास हो पाएगा?
हालांकि, साधारणतया अमेरिकी कांग्रेस में पेश होने वाले ऐसे बिल पास नहीं हो पाते हैं, लेकिन ये बिल पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी सांसदों की भावनाओं को दर्शाता है, जो आतंकवाद को पनाह देने और इसे राज्य की नीति के रूप में इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है। एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में पाकिस्तान के पदवी आगे जारी रखने के लिए, ये बिल अमेरिकी राष्ट्रपति से एक प्रमाणीकरण जारी करने के लिए कहता है। इस बिल में कहा गया है, कि पाकिस्तान इस बात का सबूत पेश करे, कि उसने तालिबान के सहयोगी हक्कानी नेटवर्क के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई की है और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर प्रगति दिखाई है। इसमें कहा गया है, कि पाकिस्तान इस बात को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का सबूत दे, कि वो अपनी जमीन का इस्तेमाल हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों को इस्तेमाल करने के लिए नहीं देता है।

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