फेडरल रिजर्व ने दिया झटका, फिर बढ़ाया ब्याज दर, जानें भारत पर पड़ेगा क्या असर

 नई दिल्ली 
दुनिया भर में बढ़ती महंगाई को रोकने लिए अलग-अलग देशों के सेंट्रल बैंक लगातार ब्याज दर बढ़ा रहे हैं। एक बार फिर फेडरल रिजर्व ने इंटररेस्ट रेट्स 0.25 प्रतिशत बढ़ा दिया है। बुधवार को फेड रिजर्व के मुखिया जेरोम पॉवेल ने ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद नई ब्याज गर 4.5 प्रतिशत से बढ़कर 4.75 प्रतिशत हो जाएगी। बता दें, इससे पहले भी कई बार ब्याज दरों में इजाफा देखने को मिला है। 

महंगाई के खिलाफ जंग में जीत कहना जल्दबाजी 
फेज रिजर्व के मुखिया जेरोम पॉवेल ने कहा कि यह कहना अपरिपक्वता होगा कि हमने महंगाई के खिलाफ जंग जीत ली है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि फेड रिजर्व जॉब डेटा पर कड़ी नजर बनाए हुए है। हालांकि, इसी दौरान उन्होंने एक बात और स्पष्ट की है कि 2023 में किसी तरह की ब्याज में कटौती की उम्मीद ना करें। हालांकि, कुछ एजेंसियों का कहना है कि फेड के अनुमान से अधिक की तेजी से महंगाई नीचे आएगी। 
 
क्या 5 प्रतिशत से अधिक होंगी दरें? 
एक सवाल के जवाब में जेरोम पॉवेल ने कहा कि फेडरल रिजर्व बेंचमार्क इंडेक्स इंटररेस्ट रेट्स को 5 प्रतिशत के नीच रखने का प्रयास करेगी। इसे एक संकेत की तरह माना जा सकता है। कि आने वाले समय में शायद ही ब्याज दरों में इजाफा देखने को मिले। 

भारत पर क्या पड़ेगा असर? 
जब से फेड रिजर्व ने ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू किया है उसके बाद से ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी रेपो रेट में इजाफा करना शुरू किया है। मौजूदा समय में रेपो रेट 6.25 प्रतिशत है। जिसमें 0.25 प्रतिशत का इजाफा आने वाले समय में देखने को मिल सकता है। सरकार के लिहाज से अच्छी बात यह है कि खुदरा मंहगाई दर लगातार दूसरे महीने 6 प्रतिशत से नीचे रहा है। इसके अलावा यूएस फेड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद स्टॉक मार्केट में नकरात्मकता देखने को मिल सकती है। 
 

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