भारत के रक्षा बजट में इस साल भी इजाफा, पाकिस्तान से 14 गुना ज्यादा

 नई दिल्ली 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण ने बुधवार को संसद में यूनियन बजट पेश किया। इस बार सरकार ने रक्षा बजट में 13 फीसदी का इजाफा करके इसे 5.94 लाख करोड़ कर दिया है। इसमें से 1.62 लाख करोड़ रुपये सेना के आधुनिकीकरण पर खर्च होगा। इस बजट में रेवेन्यू एक्सपेंडिचर पर 2.7 लाख करोड़ और पेंशन पर 1.38 लाख करोड़ खर्च की बात कही गई है। इस साल का रक्षा बजट देश की जीडीपी का 2 फीसदी है। वहीं कुल बजट का 13 फीसदी है। 

इस साल के कैपिटल आउटले भी पिछले साल से 6 फीसदी ज्यादा है। इससे हेलिकॉप्टर, वॉरशिप, मिसाइल, लैंड सिस्टम्स और आर्टिलरी गन की खरीद होगी। इससे सेना के आधुनिकीकरण और नए रक्षा करण उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी। आउटले के बढ़ने से रक्षा क्षेत्र में घरेलू सहयोग, तकनीकी विकास और कौशल विकास में मदद मिलेगी। इंडिया थेल्स के कंट्री डायरेक्टर आशीष सरफ ने कहा कि भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग  हब के रूप में उभर रहा है। 

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कैपिटल हेड के रूप में सरकार रक्षा क्षेत्र में और ज्यादा खर्च कर सकती है। रिवाइज एस्टिमेट से पता चलता है कि पिछले साल के कैपिटल आउटले में से 2369 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए थे। पिछले साल रक्षा मंत्रालय ने 1.53 लाख करोड़ रुपये पेंशन पर खर्च किए थे। वन रैंक वन पेंशन स्कीम पर भी सरकार का खर्च बढ़ने वाला है। सरकार ने सीमा क्षेत्रों के विकास के लिए भी रक्षा बजट बढ़ाया है। बीआरओ बजट 43 फीसदी बढ़ाया गया है। 

बता दें कि भारत का रक्षा बजट पाकिस्तान के रक्षा बजट से 13 गुना ज्यादा है। वहीं चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना ज्यादा है। चीन की सीमा 17 देशों के साथ लगती हैं। वहीं पाकिस्तान चार देशों से घिरा हुआ है। भारत की बात करें तो सात देशों की सीमाएं भारत के साथ लगती है। हालांकि पाकिस्तान और चीन के साथ ही तनाव की स्थिति रहती है। पिछले साल चीन का रक्षा बजट 19 लाख करोड़ था और पाकिस्तान का 61 हजार करोड़। 
 

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