सभी विद्यार्थी शिक्षा को ध्येय बनाकर हासिल करें और अपने माता-पिता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें: राज्यपाल मंगुभाई पटेल

शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय टीकमगढ़ में छात्र-छात्राओं से महामहिम राज्यपाल ने किया संवाद
टीकमगढ़

टीकमगढ़ जिले के प्रवास पर पहुंचे महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश शासन श्री मंगुभाई पटेल शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय टीकमगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुये। सर्वप्रथम महामहिम राज्यपाल श्री पटेल ने अतिथियों के साथ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान छात्राओं ने राष्ट्रगान, सरस्वती वंदना प्रस्तुत की और स्वागत गीत गाया। तत्पश्चात महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर श्री अमित नुना, सांसद प्रतिनिधि श्री अनुराग वर्मा, श्री विवेक चतुर्वेदी, जनप्रतिनिधि, कलेक्टर श्री सुभाष कुमार द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत खरे, जिला पंचायत सीईओ श्री सिद्धार्थ जैन, एएसपी श्री सीताराम ससत्या, अपर कलेक्टर श्री पीएस चौहान, एसडीएम टीकमगढ़ श्री सीपी पटेल, संयुक्त कलेक्टर श्री संजय जैन, बल्देवगढ़ एसडीएम श्री सौरभ मिश्रा, कॉलेज प्राचार्य डॉ. एपी चतुर्वेदी, संबंधित अधिकारीगण, मीडिया प्रतिनिधि, प्रोफेसर, शिक्षक, शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

महामहिम राज्यपाल श्री पटेल ने शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय टीकमगढ़ में सरस्वती सभागार में छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि सभी विद्यार्थी शिक्षा को ध्येय बनाकर, उसे हांसिल करें और अपने माता-पिताओं की अपेक्षाओं पर खरा उतरें। माता-पिता का हमेशा सम्मान करें तथा पढ़-लिख कर आगे बढे़। उन्होंने कहा कि कला के बारे में ऐसा बोला जाता है कि यह दिल, दिमाग तथा हाथ का समन्वय है, ये त्रिवेणी संगम है। विद्यालय ने ऐसे बच्चों को तैयार किया इसके लिये मैं विद्यालय को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जहां अज्ञानता व अशिक्षा रहेगी वहां गरीबी रहेगी, शिक्षा तरक्की के द्वार खोलती है तथा शिक्षा प्रगति का पथ है। छात्र-छात्राएं अच्छी तरह से मन लगाकर पढें और नई टेक्नोलॉजी के साथ कदम के कदम मिलाकर आगे बढे़ं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने खेल, शिक्षा, आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू की हैं। देश की नयी शिक्षा नीति देश को एकजुट करने के लिये विशेष प्रयास है।

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान आगामी 25 वर्षाें में मातृभूमि की सेवा के लिये बच्चों को तैयार करें तथा बच्चों से कहा कि आगामी 25 वर्ष आपके लिये अपनी मातृभूमि की सेवा के लिये स्वर्णिम वर्ष हैं, इसमें अपनी पूरी शक्ति लगा दें। उन्होंने कहा कि भारत, प्राचीन समय से शिक्षा का बड़ा केंद्र रहा है, दुनिया भर के देशों से यहां शिक्षा ग्रहण करने विद्यार्थी आते रहे हैं, तक्षशिला और नालंदा विद्यापीठ की दुनिया में अपनी अलग पहचान थी। उन्होंने आव्हान किया कि भावी पीढ़ी हमारे देश के महापुरूषों, बलिदानियों के बारे में जाने, उनसे प्रेरणा ले और देश की गरिमा तथा मान-सम्मान के लिए समर्पित होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास तथा सबका प्रयास ही देश को आगे बढ़ायेगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे पढे़ं, आगे बढ़ें और अपने परिवार को भी आगे बढ़ायंे। अपने माता-पिता तथा मातृभूमि को कभी भी नहीं भूलें। उन्होंने कहा कि देश के बच्चे मातृभूमि की सेवा करते हुये आगे बढ़ें ऐसी अपेक्षा करता हूं।

शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय टीकमगढ़ में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं द्वारा बधाई नृत्य, देश भक्ति गीत, समूह नृत्य, बुन्देली गीत, देशभक्ति के गीतों पर नृत्य तथा लोकनृत्य मोनिया की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं। महामहिम राज्यपाल जी द्वारा छात्र-छात्राओं तथा विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वालों को पुरूस्कार भी वितरित किये गये। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एपी चतुर्वेदी द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया तथा डॉ. आजाद अहमद मंसूरी द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रजनी तिवारी द्वारा किया गया। महामहिम राज्यपाल को टीकमगढ़ जिले के प्रसिद्ध पीतल शिल्पकला उद्योग द्वारा निर्मित स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान का गायन किया गया।

 

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