कोबरा फोर्स बालाघाट से नक्सलवाद को जड़ करेगी खत्म

 बालाघाट
 अब नक्सलियों के खात्मे के लिए बालाघाट जिले को 100 कोबरा जवानों की एक पूरी बटालियन मिली है. इस तैनाती से उम्मीद जागी है कि बालाघाट से नक्सलवाद को मिटाया जा सकेगा. मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में शुमार बालाघाट के छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे होने के कारण यहां अक्सर नक्सली गतिविधियां देखने को मिलती हैं. कई बार पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ होती है. असल में लोगों के साथ-साथ सीमाओं को भी नक्सली गतिविधियों से सुरक्षित रखने के लिए जंगलों में सघन सर्चिंग के लिए बड़ी फोर्स तैनात की गई है.

गृह विभाग से बालाघाट को मिली कोबरा बटालियन की एक कंपनी में 30 से 35 जवानों की दो टीमों को सीतापाला और बंधनखेरो जैसे अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है. बालाघाट पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया दिसंबर 2022 में बालाघाट को पहली बार कोबरा बटालियन की एक कंपनी मिली. इनके जवानों को क्षेत्रों के बारे में आवश्यक जानकारी देकर कुछ दिनों पहले ही संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया.

सौरभ ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बालाघाट जिला ज्यादा संवेदशील है. लेकिन अब कोबरा बटालियन की कंपनी के आने से नक्सल उन्मूलन में मदद मिलेगी और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में पुलिस की ताकत भी बढ़ेगी.

असल में अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस सीआरपीएफ के साथ मिलकर जंगलों में सर्चिंग कर रही है. पिछले कुछ समय में इस मुहिम के अच्छे नतीजे भी मिले हैं. चाहे जंगलों में नक्सलियों द्वारा पुलिस सर्चिंग पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए जमीन में गाड़कर रखे गए बारूद को जब्त करने की बात हो या मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों को सीमा से खदेड़ने की.

बीते साल की बात करें तो पूरा साल बालाघाट पुलिस जवानों के लिए कामयाबी से भरा रहा. इस साल छह बड़े इनामी नक्सलियों को पुलिस फोर्स ने मुठभेड़ में ढेर किया. यह अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में शामिल भी हो गया. एक साल में इतनी बड़ी सफलता जिला पुलिस बल को इससे पहले कभी नहीं मिली.

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