स्टूडेंट्स को शिक्षक अब पढ़ाएंगे नहीं, बल्कि पॉवर प्वाइंट प्रजेटेशन के जरिए समझाएंगे

भोपाल

स्कूल शिक्षा विभाग पढ़ाई के पुराने तौर-तरीकों को बदलने के लिए नया प्रयोग करेगा। पहली से तीसरी कक्षा तक के 63 हजार 681 सरकारी स्कूलों के 28.73 लाख स्टूडेंट्स को शिक्षक अब पढ़ाएंगे नहीं, बल्कि टेबलेट के माध्यम से यानी पॉवर प्वाइंट प्रजेटेशन (पीपीटी) के जरिए समझाएंगे। रोल प्ले के जरिए भी विद्यार्थियों को समझाया जाएगा। इसके लिए विभाग ने राज्य स्तर पर 15 हजार मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए हैं। यह सभी ब्लॉक लेवल पर पहुंचकर 90 हजार शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे। ऐसी ट्रेनिंग के लिए विभाग ने स्पेशल मॉड्यूल तैयार किया है।

मिशन अंकुर  के तहत होगी पूरी कवायद
यह पूरी कवायद मिशन अंकुर के तहत की जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्र सरकार के निपुण भारत अभियान को मप्र में मिशन अंकुर के नाम से लॉन्च किया गया है। राज्य शिक्षा केंद्र के डायरेक्टर धनराजू एस. ने बताया कि अप्रैल से जून तक मास्टर ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी गई। अब यह सभी 22 फरवरी तक अलग-अलग ब्लॉक में जाकर 90 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति और निपुण भारत अभियान के तहत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। इसमें विद्यार्थियों में रटने नहीं बल्कि समझने की थीम पर मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान विकिसत किया जाएगा। इस मॉड्यूल में शिक्षक क्षमता निर्माण पर भी फोकस किया गया है। ये शिक्षक बच्चों को पढ़ने-लिखने और गणित के साधारण सवालों को हल करने में निपुण बनाने में महती भूमिका निभाएंगे। इन शिक्षकों को हर जिले की हर तिमाही के मूल्यांकन का विश्लेषण करके भी बताया गया है।

पहली बार इतने बड़े लेवल पर ट्रेनिंग का यह प्रयोग
संचालक ने बताया कि प्रदेश में यह प्रयोग पहली बार किया गया है। इतने बड़े लेवल पर स्पेशल ट्रेनिंग का भी यह पहला प्रयास है।

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