बर्फबारी से हिमाचल में संकट, लाहौल घाटी में हिमस्खलन का खतरा बढ़ा; इन गांवों में खतरे की घंटी

हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में पिछले दो दिनों में भारी बर्फबारी हुई है। स्नोफॉल में घाटी में हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। रविवार को चंद्राघाटी में दोपहर को 12.35 बजे मुर्तिचा गांव के सामने की पहाड़ी से हिमस्खलन हुआ। इससे उठा बवंडर रालिंग, जगला, मूर्तिचा, नुकर और खंगसर गांव तक फैल गया। हिमस्खलन का बवंडर करीब 10 मिनट तक हवा में रहा और गांव के आसपास हल्की बर्फ जम गई।

हालांकि, हिमस्खलन से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। बर्फबारी के बाद लाहौल के कई इलाकों में हिमस्खलन लगातार जारी है। वहीं, किलाड़ घाटी में भी हिमस्खलन हुआ है। दोनों जगहों में हुए हिमस्खलन का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। लाहौल-स्पीति के उपायुक्त सुमित खिमटा ने लोगों को बर्फीले इलाकों से दूर रहने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि जिले के कई इलाकों में दो से चार फीट तक बर्फबारी हुई है और मौसम खुलने के बाद हिमखंड व हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। वहीं मनाली स्थित हिम और हिमस्खलन अध्ययन प्रतष्ठिान (सासे) ने भी कुल्लू, लाहौल-स्पीति के साथ पूरे हिमालय रेंज में हिमखंड गिरने की चेतावनी जारी की है।

बीतें दिनों हुई बर्फबारी से हिमाचल के नेशनल हाईवे समेत स्थानीय सड़कों पर बर्फ की मोटी चादर जम गई है। कई इलाकों में हिमस्खलन का संकट बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक रुक-रुक कर बर्फबारी के आसार जताए हैं। मौसम के साफ होने के बाद जमी बर्फ को हटाने का काम किया जा रहा है लेकिन गांवों के पहाड़ियों पर जमी बर्फ से हिमस्खलन की संभावना बढ़ रही है।

 

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