हाथ जोड़ो अभियान की समीक्षा कमलनाथ दिल्ली या रायपुर में कर सकते

भोपाल

विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा और कांग्रेस इन दिनों प्रदेश में अपने-अपने अभियान चला रही है। सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में जहां विकास यात्रा निकाली जा रही है। वहीं कांग्रेस की ओर से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चल रहा है। इन दोनों अभियान की दोनों ही संगठन अपने स्तर पर समीक्षा करने जा रहे हैं। भाजपा ने जहां 26 और 27 फरवरी को अपने जिला प्रभारी, जिला अध्यक्ष, संभाग प्रभारी को विकास यात्राओं की रिपोर्ट के साथ भोपाल तलब किया है।

वहीं कांग्रेस ने भी अपने राष्टÑीय अधिवेशन में मध्य प्रदेश के जिला अध्यक्षों को हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की रिपोर्ट लाने को कहा है। हालांकि कांग्रेस में फिलहाल यह तय नहीं है कि समीक्षा बैठक कब होगी, लेकिन यदि समय मिला तो कमलनाथ या दिल्ली के अन्य नेता इसकी समीक्षा रायपुर में कर सकते हैं।

कांग्रेस भी चुनाव से पहले अपने कार्यकर्ताओं को चार्ज करने में लगी हुई है। कांग्रेस का 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान देश भर में चल रहा है। प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने के कारण कांग्रेस का यहां पर इस अभियान को लेकर ज्यादा फोकस है। इस अभियान को लेकर पीसीसी भी खासी एक्टिव है। इसके चलते ही सभी जिला अध्यक्षों को हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की रिपोर्ट रायपुर लेकर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।

रायपुर में शुक्रवार से शुरू हेने वाले कांग्रेस के राष्टÑीय अधिवेशन में यदि समय मिला तो कमलनाथ हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की समीक्षा कर सकते हैं। इसके चलते ही उन्होंने सभी जिला अध्यक्षों को पूरी रिपोर्ट साथ लाने का बोला है। वहीं इस अभियान के प्रभारी भी यहां पर समीक्षा कर सकते हैं। इस समीक्षा के बाद अभियान को लेकर आगे के निर्णय लिए जा सकते हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि समीक्षा बैठक कब होगी। ऐसा माना जा रहा है कि 25 या 26 फरवरी को समय हुआ तो एक जगह प्रदेश के सभी आमंत्रित नेता एक जगह एकत्र होकर इस पर बातचीत कर सकते हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ चाहते हैं कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता चुनाव से पहले ही एक बार लोगों के घर तक पहुंचे। यह अभियान इस काम के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म मिला है। इसलिए प्रदेश कांग्रेस इस अभियान के जरिए एक-एक घर में पहुंचना चाहती है। इसके लिए कमलनाथ भी मैदान में उतरे थे। उन्होंने भोपाल के मुगालिया छाप गांव में जाकर इस अभियान की शुरूआत की थी। इस अभियान की सफलता के लिए उन्होंने हनुमान जी के मंदिर पहुंचकर प्रार्थना भी की थी।

 

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