महागठबंधन की महारैली में लालू का एलान- मोदी-आरएसएस का रथ बिहार ही रोकेगा, नीतीश बोले- भरमा रहा केंद्र

पूर्णिया

पूर्णिया में महागठबंधन की महारैली के मंच पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद भले नहीं थे, लेकिन अरसे बाद उन्हें वर्चुअल माध्यम से सुनने वाले भी उत्साहित थे। इसी उत्साह को देखते हुए राजद अध्यक्ष ने कहा- खुश हैं कि पूर्णिया में लाखों लाख की भीड़ जुटी। आज देश टुकड़े-टुकड़े की होने कगार पर पहुंच चुका है। भाजपाई को कोई शर्म नहीं। अपने अंदाज में लालू ने कहा कि आरएसएस-भाजपा का रथ तब भी बिहार में रोका गया था, इस बार भी इस काम को बिहार से ही किया जाएगा। लालू ने सबसे पहले भीड़ को लेकर कहा कि यह एकजुटता यह प्रमाणित करेगा कि भविष्य में जो लोकसभा चुनाव होने वाला है, वह हम इसी एकता के साथ लड़ेंगे ताकि भाजपा-आरएसएस का सफाया हो।

उन्होंने कहा कि भाजपा कोई पार्टी नहीं, आरएसएस का मुखौटा है। दोनों आरक्षण विरोधी है। देश में तानाशाह नरेंद्र मोदी सरकार है। ऐसे में हम सब देश को बचाने के लिए, लोकतंत्र को बचाने, संविधान को बचाने के लिए एकजुट रहेंगे। लालू ने कहा कि बिहार परिवर्तन करता है तो देश पर असर पड़ता है। देश बिहार का अनुसरण करता है। उन्होंने गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें काशी विश्वनाथ मंदिर में घुसने पर दलितों के साथ दुर्व्यवहार की बात लिखी थी। किताब में लिखते हैं कि आरक्षण को खत्म करना चाहिए, इसकी जरूरत नहीं है। लालू ने कहा कि हम और नीतीश एक हो गए हैं। कोई भ्रम में नहीं रहे। गठबंधन विचारधारा और धारा का है। हम 2024-25 के चुनाव में इसी एकता से रिकॉर्ड तोड़ेंगे। उन्होंने अपने संबोधन में रोहिणी आचार्य को धन्यवाद दिया।

नीतीश ने कहा- शिक्षकों की भारी तादाद में बहाली भी होगी, वेतन भी बढ़ेगा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबोधन के समय शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया। तब नीतीश ने कहा- "हल्ला मत करो सुनो। शिक्षकों की बड़े पैमाने पर बहाली होगी। सब बहुत अच्छा ढंग से होगा। वेतनमान भी बढ़ेगा। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने एक-एक कर कई भ्रांतियों को हटाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि शरद जी खुद अलग हो गए और लोग कह रहा है कि हम शरद जी को छोड़ दिए। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि हमने जीतन राम मांझी को धोखा दिया। लेकिन, वह लोग तो अटल बिहारी बाजपेयी तक को भूल गए। यह सब भरमाने के लिए है। हम लोग अब एकजुट हैं और एकजुट एकजुट रहेंगे। एकजुट होकर एक साथ लड़ना है। इधर-उधर मत होने दीजिएगा। अब हम लोग जाति आधारित गणना कर रहे हैं और उसमें सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी ले रहे हैं। दो-तीन महीने के अंदर एक एक चीज की जानकारी मिल जाएगी। इससे गरीबों का उत्थान होगा।

तेजस्वी बोले- लालूजी नहीं झूके तो बेटा भी नहीं झुकेगा
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि अभी अमित शाह कह रहे हैं कि ये जंगलराज है। सुन लीजिए ये जनता का राज है। तेजस्वी ने कहा कि केंद्र में ऐसी सरकार है जो 5 किलो राशन देकर वोट मांग रही है। वही अनाज जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राशन जब सड़ रहा है तो फ्री में बांटो। आज यह राशन बांट रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि लालू जी ने सांप्रदायिक शक्तियों के सामने कभी घुटना नहीं टेका। भाजपा में कोई लीडर नहीं, सब डीलर हो चुका है। जैसे लालू जी ने इनलोगों की सरकार के सामने कभी घुटना नहीं टेका, वैसे ही उनका बेटा कभी झुकेगा नहीं। नीतीश कुमार ने सही समय पर सही डिसीजन लिया। ये लोग नीतीश कुमार की पार्टी को तोड़ना चाहते हैं।

नीतीश-तेजस्वी के सामने पूर्णिया की रंगभूमि मैदान में झंडे के डंडे चले
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन की पहली बार महारैली के दौरान कोसी-सीमांचल की राजधानी कहे जाने वाले पूर्णिया में महागठबंधन सरकार के तमाम दिग्गज एकजुट हुए। कांग्रेस-वाम दलों समेत राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के प्रमुख भारी संख्या में मंच पर पहुंचे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पौने एक बजे पहुंचे। रंगभूमि मैदान नीतीश-तेजस्वी मोदी सरकार के खिलाफ के लिए बिगुल फूंका। जानकार इसे महागठबंधन का शक्ति प्रदर्शन कह रहे। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मंच के पास डी एरिया में घुसने के क्रम में महिलाओं ने पहले महिला सिपाहियों पर झंडे के डंडे चलाना शुरू कर दिए। इसके बाद अफरातफरी मची तो एक-दूसरे से भी गुत्थमगुत्थी करने लगीं।

उर्दू शिक्षकों ने शुरू किया हंगामा, हटाया जा रहा
अल्पसंख्यक बहुल सीमांचल में हो रही महारैली की भीड़ में अचानक एक तरफ हंगामा होने लगा तो मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले प्रदर्शनकारी उर्दू शिक्षक अभ्यर्थियों को हटा दिया गया। उर्दू शिक्षक महारैली का विरोध कर रहे थे। मुख्यमंत्री के आने के पहले अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी कि अल्पसंख्यकों की रहनुमाई का दावा करने वाली महागठबंधन सरकार नौकरी का दावा बंद करे, सिर्फ हमारा रिजल्ट दे दें। मुख्यमंत्री के आने से पहले इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस मशक्कत कर रही है।

लालू वर्चुअल रहेंगे, पोस्टर से तेज प्रताप गायब
इस रैली में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह रहेंगे, लेकिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव वर्चुअल संबोधन करेंगे। रैली की तैयारी के लिए कई मंत्री पिछले 5 दिन से पूर्णिया में कैंप कर रहे हैं। इधर, रंगभूमि मैदान से लेकर पूरे पूर्णिया शहर को पोस्टर और बैनर पाट दिया गया है। हालांकि, कई बड़े-बड़े पोस्टर से राहुल गांधी की तस्वीर गायब दिखी। पोस्टरों मे राजद की ओर से लालू और तेजस्वी की तस्वीरें हैं, हालांकि रैली में शामिल होने के लिए लालू प्रसाद के बड़े बेटे मंत्री तेज प्रताप यादव भी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ आ रहे हैं।

5 लाख भीड़ जुटाने का दावा
महागठबंधन के नेता 5 लाख भीड़ जुटाने का दावा कर रहे हैं। मंत्री सह धमदाहा विधायक लेसी सिंह ने दावा किया कि रंगभूमि मैदान में महारैली ऐतिहासिक होने वाली है। मंत्री सह कसबा विधायक आफाक आलम ने दावा किया कि रैली में 5 लाख लोग पहुंच रहे हैं। इधर, लोगों की सुविधा के लिए मैदान में करीब आधा दर्जन डिजिटल स्क्रीन लगाए गए हैं। जगह-जगह बैरिकैडिंग कर दी गई है। सभा स्थल पर मुख्य मंच 2800 स्क्वायर फीट बनाया गया है। कार्यक्रम कवरेज करने के लिए 6 क्रेन कैमरा लगाए गए हैं।

जानिए, कोसी-सीमांचल की राजनीतिक पिच का हाल
सितंबर 2022 में गृह मंत्री अमित शाह ने रंगभूमि मैदान से ही महागठबंधन के खिलाफ रैली की थी। उस वक्त इसे लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर देखा गया था। इधर, महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश-तेजस्वी पहली बार रैली कर रहे हैं। समीकरण की बात करें तो कोसी-सीमांचल में सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया समेत 7 जिले आते हैं। इसमें 36 विधानसभा क्षेत्र और 6 लोकसभा क्षेत्र है। इसमें से एनडीए के पास 11 और महागठबंधन के पास 26 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू को 11 और भाजपा के पास 10 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं आरजेडी के खाते में 8, कांग्रेस और एआईएमआईएम 5-5 सीटें आई थी। हालांकि, कुछ समय बाद एआईएमआईएम के 4 विधायक आरजेडी में चले गए थे। वहीं लोकसभा सीट की बात करें तो जेडीयू के खाते में 4 सीट जबकि एक-एक सीट कांग्रेस और भाजपा के पास है।

 

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