SC ने लगाई PCI की बढ़ी हुई फीस पर रोक, उड़ी कॉलेज संचालकों की नींद

भोपाल

फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया (एफसीआई) ने फार्मेसी कोर्स के डिप्लोमा से लेकर मास्टर डिग्री की मान्यता पर फीस पर तबड़तोड़ बढ़ोतरी की है। विद्यार्थियों पर इसका सीधा असर पडेगा, जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पीसीआई की बढ़ी हुई फीस पर रोक लगा दी है। इससे एफसीआई की वसूली का कार्यक्रम रोकना पड़ सकता है।

एफसीआई ने बीफार्मा की 100 सीटों की मान्यता के लिए एक करोड़ रुपए की सिक्योरिटी डिपोजिट रखने का आदेश जारी कर दिया है। इसके अलावा डीफार्मा की साठ सीटों पर 50 लाख और एमफार्मा की 15 सीटों पर 25 लाख सिक्योरिटी के तौर पर रखा रहा है। यहां तक हरेक कोर्स की निरंतरता के सालाना 50 हजार रुपए की फीस को बढ़ाकर सीधे चार लाख रुपए कर दिया है। जबकि पूर्व में यह शुल्क तीस से 40 फीसदी कम था।

एफसीआई की बढ़े हुए शुल्क से विद्यार्थियों की फीस का ग्राफ काफी तेजी से ऊपर जाएगा। एफसीआई अपनी बढ़ी हुई फीस की वसूली आगामी सत्र के लिए शुरू कर पाता उसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने एफसीआई की बढ़ी हुई फीस के आदेश पर रोक लगा दी है।

आदेश ने निजी कॉलेज संचालकों की नींद उड़ा दी
एफसीआई का वर्तमान सत्र काफी पिछड़ा हुआ है। इसके बाद फीस बढ़ाने के आदेश ने निजी कॉलेज संचालकों की नींद उड़ा दी है। उन्हें तत्काल में बढ़ी हुई फीस को देने में काफी मशक्कत करना पड़ रहा है। वे बढ़ी हुई फीस से बचने के लिए एआईसीटीई से दी गई फीस का ब्यौरा खोजने लगे हैं।

इनका कहना है
कॉलेज अपनी बैलेंस शीट में जो खर्च बताएंगे, उससे विद्यार्थियों की फीस निर्धारित की जाएगी। कॉलेज अपनी बैलेंस शीट में मान्यता का शुल्क बढाकर बताते हैं तो इसका असर विद्यार्थियों की फीस में दिखाई दे सकता है।
देवा आनंद हिंडोलिया, ओएसडी, प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति

Back to top button