मेघालय में भाजपा को फिर से मिल सकता है सत्ता सुख, सीएम कोनराड संगमा ने कही बड़ी बात

मेघालय
मेघालय में विधानसभा चुनाव के बाद हर किसी की नजर नतीजों पर है। चुनाव के बाद जिस तरह के एग्जिट पोल आए हैं उसको देखकर लगता है कि नेशनल पीपुल्स पार्टी प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ सकती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को उम्मीद है कि उनकी पार्टी एक बार फिर से सत्ता में आ सकती है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि वह भाजपा के साथ फिर से गठबंधन कर सकते हैं।

भाजपा के साथ गठबंधन के संकेत
कोनराड संगमा कहा कि अगर हमे लोगों का समर्थन मिलता है तो हमे दूसरे दलों से सरकार बनाने के लिए बात करनी होगी। क्या कोई दल पूर्वोत्तर के लोगों की आवाज राष्ट्रीय स्तर पर बन सकती है, इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। दरअसल एग्जिट पोल में एनपीपी को 60 में से 20 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है। प्रदेश में सरकार गठन के लिए 31 सीटों की जरूरत होती है, लिहाजा प्रदेश में सरकार गठन के लिए एनपीपी को दूसरे दलों के सहयोग की जरूरत होगी।

 पिछले चुनाव में भाजपा को सिर्फ 2 सीट
पिछले चुनाव की बात करें तो 2018 में भाजपा को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन माना जा रहा है कि इस बार भाजपा प्रदेश में 6 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। वहीं कांग्रेस भी प्रदेश में 6 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। प्रदेश में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाली टीएमसी के खाते में 11 सीटें जाती नजर आ रही हैं। लेकिन देखने वाली यह है कि क्या एग्जिट पोल के आंकड़े सही साबित होते हैं या फिर हर किसी को चौंका सकते हैं।

टीएमसी बन सकती है किंग मेकर
एग्जिट पोल अक्सर गलत साबित होते हैं, लेकिन अगर यह सही साबित होते हैं तो भी एनपीपी और भाजपा मिलकर सरकार का गठन नहीं कर पाएंगे, लिहाजा कोनराड संगमा को नंबर जुटाने के लिए और जद्दोजहद करनी होगी। ऐसे में टीएमसी किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है। 2017 में भाजपा ने पूर्वोत्तर में कई छोटे दलों के साथ गठबंधन किया था और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक गठबंन का गठन किया था। प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी की एक्ट ईस्ट नीति के तहत इसका गठन किया गया था।

पूर्वोत्तर में भाजपा की एक्ट ईस्ट पॉलिसी
नेडा की मदद से भाजपा ने पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी मौजूदगी को मजबूत करने में सफलता हासिल की। पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों में भाजपा की स्थिति बेहतर हुई। असम में पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता का स्वाद चखने को मिला। मेघालय में भाजपा ने 2018 में सिर्फ दो सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन फिर भी एनपीपी के साथ सरकार में शामिल होने में सफलता हासिल की। इस बार भी दोनों ही दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा है। दरअसल संगमा की पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके बाद दोनों दलों के बीच दरार सामने आई थी।

चुनाव और सरकार गठन दो अलग चीज
कोनराड संगमा ने कहा कि जब मैंने अपने पिता के निधन के बाद एनपीपी की कमान संभाली, मैंने साफ कर दिया था कि जब हम चुनाव में जाएंगे तो हमे अपनी विचारधार पर ही चुनाव लड़ना होगा। हमने अपनी विचारधारा पर चुनाव लड़ा है नाकि चुनाव पूर्व गठबंधन करके। हमे इस बात को समझना होगा कि चुनाव और सरकार गठन दो अलग-अलग चीजें हैं। पूर्वोत्तर आपस में बंटा है और नंबर हमे पर्याप्त ताकत नहीं देते हैं कि हम राष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज को उठा सके।

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