कौन हैं भगोड़े नित्यानंद की शिष्या विजय प्रिया? यूएन की बैठक में खींचा था ध्यान

जिनेवा

संयुक्त राष्ट्र में जब भगवा वस्त्रों में, माथे पर टीका और सिर पर बड़ा सा जूड़ा रखे महिला अंग्रेजी में भाषण देने लगी तो यह देखकर सभी हैरान थे। ट्विटर पर जब रेप के आरोपी भगोड़े नित्यानंद ने महिला की तस्वीर ट्वीट की तो पता चला कि वह कौन हैं। स्वघोषित स्वामी नित्यानंद इस तरह के प्रोपगैंडा करने में आगे है। उसने दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर के पास एक टापू खरीदा और इसका नाम कैलासा रख दिया। नित्यानंद इसे अलग देश की मान्यता दिलाना चाहता था। नित्यानंद ने अपनी शिष्या विजय प्रिया को संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में भेजा था। हालांकि बाद में कहा गया कि विजय प्रिया एनजीओ के तौर पर शामिल हुई थीं।

नित्यनांद पर अपहरण और रेप के आरोप हैं। वह भारत से भाग गया है। उसका कहना है कि उसने 'यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा' नाम का देश बसाया है और यहां हिंदू रिवाजों के अनुसार काम होता है। नित्यानंद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए विजय प्रिया का प्रचार किया। उसका दावा है कि विजय प्रिया उसके देश की यूएन में स्थायी राजदूत हैं। हालांकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। वह वॉशिंगटन डीसी में रहती हैं।

कैलासा के फेसबुक अकाउंट के मुताबिक विजय प्रिया नित्यानंद दूसरे देशों के नेताओं से मिलीं। इसके अलावा विजयप्रिया किसी सहमति पर भी साइ कर रही थीं। नित्यानंद का दावा है कि कैलासा ने कई देशों में दूतावास  और एनजीओ खोले हैं।

बता दें कि यूएन के कार्यक्रम में नित्यानंद की शिष्या ने उसके लिए सुरक्षा की मांग की। 24 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक, सास्कृतिक और सामाजिक अधिकारों की समति की बैठक थी। विजय प्रिया ने कहा था कि कैलासा हिंदुओं का संप्रभु राज्य है। इसे नित्यानंद परमशिवम ने स्थापित किया है।

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