बजट सत्र: विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 13 मार्च तक स्थगित

 भोपाल.

मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही कुल मिलाकर 1 घंटे भी नहीं चल सकी और विधानसभा को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विपक्ष कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के खिलाफ सदन में आक्रामक रवैया अख्तियार किए हुए था. पक्ष विपक्ष दोनों के बीच तीखी तकरार सदन में होती रही. कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया औऱ संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ अवमानना प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.

अविश्वास प्रस्ताव के मसले पर जीतू पटवारी अलग-थलग पड़ गए हैं। नोटिस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ तक ने दस्तखत नहीं किए हैं। कांग्रेस के ही आधे विधायकों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। जीतू पटवारी को कांग्रेस ने अकेला छोड़ दिया है। पटवारी मामले में कांग्रेस की हालत शोले फिल्म के डायलॉग की तरह हो गई है… आधे इधर जाओ, आधे उधर जाओ.. बाकी मेरे पीछे आओ।

विपक्ष अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास की मांग कर जमकर नारेबाजी करने लगा था। विपक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री और सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की। स्पीकर ने प्रश्नकाल को स्थगित करते हुए उस वक्त 10 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दिया था लेकिन लगातार विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे को देखते हुए स्पीकर द्वारा सदन की कार्यवाही अब 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

बता दे कि कल स्पीकर द्वारा कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को सदन के सत्र के दौरान भाग लेने से निलंबित कर दिया गया था। इसी बात को लेकर विपक्षी सदस्यों में भारी नाराजगी थी और वे लगातार हंगामा कर रहे थे।

 शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि हमने अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव दे दिया है। इसकी स्वीकार्यता को लेकर चर्चा कराई जाए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पहले हमारी बात भी सुन ली जाए, इसके बाद ही कोई बात हो। कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने कहा कि हमें अध्यक्ष पर विश्वास नहीं है इसलिए उन्हें आज से ही नैतिकता के आधार पर छोड़ देनी चाहिए। चर्चा शुरू होते ही दोनों पक्षों की ओर से हंगामा हुआ और फिर सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद दोबारा हंगामा शुरू हो गया। सत्‍तापक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच कई बार तनातनी हुई। भारी हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्‍यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 13 मार्च तक के लिए स्‍थगित कर दिया।

विधानसभा इतिहास का काला दिन
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा मध्यप्रदेश विधानसभा के इतिहास में आज काला दिन है. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने संसदीय परंपराओं को तार तार कर दिया. नियम पुस्तिका को मेरे और विपक्ष के साथियों के ऊपर फेंक कर मारा. गोविंद सिंह ने कहा हमारी मांग है आप जीतू पटवारी को सत्ता के दबाव में निलंबित करते हैं तो नरोत्तम मिश्रा को भी निलंबित करें. लेकिन हमारी मांग पर अध्यक्ष ने कोई निर्णय नहीं लिया. सत्तापक्ष की मांग पर तुरंत कार्यवाही की, सरकार भ्रष्टाचार और घोटाले में डूबी हुई है. सदन चलेगा तो काले कारनामे  खुलेंगे , इसलिए हमेशा सत्र छोटा करते हैं और सत्र चलने नहीं देते हैं.

अध्यक्ष पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा अध्यक्ष एकतरफा कार्रवाई कर रहे हैं. जीतू पटवारी को निलंबित कर दिया जाता है लेकिन संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती. अविश्वास प्रस्ताव पेश हो गया तो अध्यक्ष को आसंदी पर बैठने का नैतिक अधिकार नहीं था. हमने मांग की थी आप कुर्सी से हट जाएं और किसी अन्य व्यक्ति को बैठाकर सदन की कार्यवाही चलने दें. कमलनाथ के अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर न होने पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा वह जोबट में आदिवासियों के बीच हैं आज.

नरोत्तम मिश्रा बोले हमने खेद व्यक्त किया
जमकर हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद पद प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा जीतू पटवारी पर जो कार्रवाई हुई थी वह मतदान से हुई थी. कांग्रेस की किताब फेंकने के आरोप पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा चपरासी बीच में आ गया था उसे हटाने के लिए हाथ उठाया था तो किताब फिसल गई. उन्हें लगा कि मैंने किताब उन पर फेंकी है तो उसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं. कांग्रेस ने पुस्तक फाड़ी उसके लिए तो खेद व्यक्त नहीं किया, कांग्रेस सदन नहीं चलाना चाहती. उसके पास मुद्दे नहीं हैं. सदन बाहुबल नहीं बुद्धि बल के लिए है. उन्होंने कहा सदन स्थगित होना बड़ा नुकसान है.

 

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