ऑस्ट्रेलिया की जबरदस्त वापसी, इंदौर टेस्ट में भारत को 9 विकेट से किया चित

 इंदौर

भारत के खिलाफ इंदौर में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट से जीत दर्ज की है। ऑस्ट्रेलिया ने 76 रन के आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए ट्रैविस हेड (49) और मारनस लाबुशेन (28) की नाबाद पारियों की बदलौत 78/1 के स्कोर के साथ जीत अपने नाम की। ऑस्ट्रेलिया ने इस दौरान शानदार गेंदबाजी और बल्लेबाजी का नमुना पेश किया और पहले दो टेस्ट हारने के बाद शानदार वापसी की। भारत ने पहले दो मैच जीतकर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखी है लेकिन अब सीरीज में ऑस्ट्रेलिया 1-2 पर है और चौथा मैच जीतकर सीरीज बराबर करने की कोशिश करेगा।

भारत ने होल्कर स्टेडियम में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए शुरूआत खराब की और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे बेबस नजर आए। भारतीय टीम पहली पारी में 109 रन पर ढेर हो गई। मैथ्यू कुह्नमैन ने 5 विकेट झटके जबकि नाथन लायन ने 3 विकेट अपने नाम किए। भारत की तरफ से विराट कोहली ने 22 जबकि शुभमन गिल जोकि केएल राहुल की जगह आए थे, ने 21 रन बनाए जो सबसे ज्यादा थे।

ऑस्ट्रेलिया की शुरूआत अच्छी रही और टीम ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक भारत पर 47 रन की बढ़त बनाते हुए 156/4 का स्कोर बनाया। दूसरे दिन कैमरन ग्रीन और पीटर हैंड्सकॉम्ब की साझेदारी टूटते ही टीम बिखर गई और पहले सत्र से पूर्व टीम 197 पर ऑलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने इसी के साथ ही पहली पारी में भारत पर 88 रन की बढ़त बनाई है। ख्वाजा (60) के अलावा कोई भी प्लेयर प्रभावी पारी नहीं खेल सका। भारत की तरफ से जडेजा ने 78 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए जबकि उमेश यादव ने मात्र 12 रन देकर 3 विकेट अपने नाम करते हुए वाहवाही लूटी। अश्विन ने भी 3 विकेट अपने नाम किए लेकिन इसके लिए उन्होंने 44 रन दिए।

भारत से दूसरी पारी में वापसी की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पुजारा (59) की अर्धशतकीय पारी के अलावा कोई खिलाड़ी नहीं बल्ले से कमाल नहीं दिखा पाया और टीम दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 163 रन पर ढेर हो गई। नाथन लायन ने इस दौरान भारतीय बल्लेबाजी को ढेर करने के लिए अकेले ही कमान संभालते हुए 8 विकेट झटके। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए मात्र 76 रन चाहिए थे जिसे महमान टीम ने पहले ही सत्र में हासिल कर जीत अपने नाम कर ली।
जब भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया था, तो मैच देखने आए फैन्स को उम्मीद थी कि उनकी टीम बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब होगी… लेकिन सारे सपने टूट गए. पहली इनिंग्स तो दूर, दोनों पारियों को मिलाकर तीन सौ रन भी नहीं बना पाई. टीम इंडिया की हार की कई वजहें रहीं.

1. टॉप ऑर्डर फ्लॉप: भारतीय बल्लेबाज इस पूरे मैच में रन बनाने के लिए जूझते रहे. विराट कोहली, शुभमन गिल और कप्तान रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों का बुरा हाल रहा. पिछले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन कर रहे रोहित शर्मा से कुछ ज्यादा ही उम्मीद थीं, लेकिन वह दोनों पारियों में नाकाम रहे.

2. नाथन लायन का खौफ: मुकाबले से पहले ऑफ-स्पिनर नाथन लायन को लेकर भी काफी बातें कही जा रही थीं. इस मुकाबले में यह देखने को भी मिला और लायन ने टीम इंडिया की कमर तोड़ के रख दी. नाथन लायन ने पहली पारी में सिर्फ तीन विकेट लिए थे, लेकिन दूसरे पारी में उनका खौफ भारतीय बल्लेबाजों पर दिखा और उन्होंने कुल आठ विकेट चटकाए. लायन ने मैच में 11 विकेट हासिल किए और प्लेयर ऑफ द मैच रहे.

3. पिच का भी रहा रोल: टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन में पिच का भी अहम रोल रहा. पहले ही दिन से पिच पर काफी टर्न मिल रहा था और बल्लेबाज बेबस नजर आए. हालांकि पिच ऐसी भी नहीं थी कि बैटिंग ना की जा सके. उस्मान ख्वाजा, चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाजों ने अर्धशतक बनाकर दिखााया कि इस पिच पर भी बैटिंग की जा सकती है.

4. जडेजा-अश्विन और अक्षर बल्ले से फेल: नागपुर और दिल्ली टेस्ट मैच में इन तीनों खिलाड़ियों ने अच्छी बैटिंग करके भारत को संकट से उबारने में मदद की थी. लेकिन इस मुकाबले में ये बल्ले से चल नहीं पाए. अश्विन और जडेजा ने गेंद से जरूर कमाल दिखाया और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 197 रनों पर समेटने में अहम रोल निभाया.

5. अति उत्साह ले डूबा: भारतीय टीम ने दिल्ली और नागपुर में खेले गए टेस्ट मैच में धमाकेदार जीत हासिल की थी और खिलाड़ियों का उत्साह चरम पर था. ऐसे में ज्यादा आत्मविश्वास भी खिलाड़ियों को ले डूबा. अब भारत 9 मार्च से शुरू हो रहे आखिरी टेस्ट को जीतकर सीरीज पर कब्जा करना चाहेगी.

WTC प्वाइंट्स टेबल की बात करें तो 2021-23 के चक्र में ऑस्ट्रेलिया की टीम का जीत प्रतिशत अपनी आखिरी सीरीज के 3 मैचों के बाद 68.52 प्रतिशत है, जबकि भारत का जीत प्रतिशत घटकर 60.29 प्रतिशत हो गया है। तीसरे नंबर पर श्रीलंका की टीम जरूर है, लेकिन उसका जीत प्रतिशत इस समय 53.33 फीसदी है, जबकि साउथ अफ्रीका का जीत प्रतिशत 52.38 फीसदी है।

भारत की बढ़ गई मुश्किल?

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल के नजरिए से देखें तो भारत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अगर भारत की टीम अगला मैच हार जाती है तो फिर समस्या और भी ज्यादा जटिल हो जाएगी, क्योंकि फिर अपने हाथ में कुछ नहीं होगा। भारत की टीम को दुआ करनी होगी कि न्यूजीलैंड की टीम दोनों मैचों में श्रीलंका को हराए या कम से कम 1-0 से सीरीज जीते।

बता दें कि WTC फाइनल की रेस में अब सिर्फ तीन ही टीमें हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया ने जगह पक्की कर ली है। ऐसे में भारत और श्रीलंका के पास फाइनल में पहुंचने का मौका है। अगर भारत की टीम अपना आखिरी मैच जीतने में कामयाब होती है तो फाइनल में प्रवेश कर जाएगी। हारने पर भारत को श्रीलंका बनाम न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज के निर्णय पर निर्भर रहना होगा।

जून में होगा फाइनल

WTC 2023 का फाइनल मुकाबला इंग्लैंड में होगा। ये मैच लंदन के ओवल में खेला जाएगा। 7 से 11 जून के बीच फाइनल खेला जाएगा, जबकि 12 जून टूर्नामेंट के लिए रिजर्व डे के रूप में रखा गया है। 2021 में खेले गए आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा था। न्यूजीलैंड की टीम ने भारत को हराया था।  

 

 

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