बड़े बकायादारों से सख्ती से निपटने प्रशासन ने बनाई कार्ययोजना

भोपाल

प्रशासन ने बड़े बकायादारों पर सख्ती करने की कार्ययोजना बनाई है। राजधानी के हुजूर, कोलार और बैरसिया तहसील समेत नजूल वृत्त क्षेत्रों में कृषि भूमियों पर बड़े-बड़े निर्माण करने वाली संस्थाओं पर जिला प्रशासन की गाज गिरने वाली है। शहर के कई नामचीन संस्थाओं ने डायवर्सन भू-भाटक की राशि जमा नहीं की है। ऐसे में जिला प्रशासन ने सख्ती करते हुए ऐसे बकायादारों की सूची तैयार तैयार कर ली है। शुल्क जमा नहीं कराने पर डायवर्सन निरस्त होंगे।

कोरोना के कारण नहीं जमा किया डायवर्सन शुल्क
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-58 के अनुसार कोई भी जमीन हो उसका भू-राजस्व भुगतान अनिवार्य है। नगरीय निकाय छत और दीवारों के लिए भवन एवं संपत्ति कर वसूलते हैं। जबकि कृषि भूमि पर डायवर्सन भू-भाटक देना होता है। ऐसे में राजधानी के तीन तहसील सहित अन्य नजूल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं द्वारा यह राशि नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण दो साल से इस वसूली पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। अब इस मामले में सख्ती की जा रही है।

पांच दर्जन बड़े बकायादारों पर करोड़ों रुपए बकाया
विभागीय सूत्रों की मानें तो करीब पांच दर्जन बड़े बकायादारों से प्रशासन को करोड़ों रुपए लेने हैं, लेकिन बार-बार समझाइस देने के बाद भी ये संस्थान हरकत में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में तहसीलदारों द्वारा सभी संस्थानों को अंतिम नोटिस देने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। इसमें अंतिम कुछ दिनों की छूट दी जाएगी। यह समय-सीमा निकलने के बाद सभी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभागीय अफसरों का दावा है कि ऐसे में यदि संस्थानों ने राजस्व राशि नहीं चुकाई, तो उनका स्वत: ही स्वीकृत डायवर्सन आदेश निरस्त हो जाएगा। ज्यादातर बड़े बकायादार और कॉलेज संचालक हैं।

डायवर्सन शुल्क जमा नहीं कर रहे लोगों और संस्थाओं पर जल्द ही सख्त कार्रवाई करने के निर्देश आला अधिकारियों से मिले हैं। कार्रवाई के संबंध में काम जारी है।
                          – आकाश श्रीवास्तव, एसडीएम, हुजूर

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