यूक्रेन युद्ध बना पुतिन के लिए गले की हड्डी! हार गया रूस तो क्या होगा

मॉस्को

यूक्रेन पर रूस के हमले को एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। शुरू में लग रहा था कि रूस बड़ी आसानी से यूक्रेन पर फतह हासिल कर लेगा, लेकिन यूक्रेन अपनी जगह पर मजबूती से खड़ा है। अब दुनियाभर के विशेषज्ञ रूस और यहां के राष्ट्रपति पर सवाल उठाने लगे हैं। इस बीच एक पूर्व रूसी डिप्लोमेट ने रूसी राष्ट्रपति के भविष्य को लेकर आशंका जाहिर की है। इस डिप्लोमेट का कहना है कि अगर पुतिन अपनी शर्तों पर यह युद्ध जीतने में सफल नहीं हुए तो उन्हें अपने पद से हटना पड़ सकता है।

कहा-पुतिन बस एक साधारण तानाशाह
इस रूसी डिप्लोमेट का नाम बोरिस बोंडारेव है। वह रूस के जेनेवा डिप्लोमेटिक मिशन में बतौर आर्म्स कंट्रोल एक्सपर्ट के रूप में काम करते थे। जब पिछले साल रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो बोरिस ने सार्वजनिक रूप से इस्तीफा दे दिया था। बोरिस ने कहा कि पुतिन को हटाया जा सकता है। वह कोई सुपरहीरो नहीं हैं और उनके पास सुपरपॉवर भी नहीं हैं। वह बस एक साधारण तानाशाह हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम इतिहास में देखें तो ऐसे तानाशाह समय-समय पर हटाए जा चुके हैं। ऐसे में अगर वह यूक्रेन से युद्ध हार जाते हैं और अपने समर्थकों को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं तो वह पुतिन से दूर हो जाएंगे।

बदल जाएंगी चीजें
बता दें कि बोरिस बोंडारेव पहले रूसी डिप्लोमेट नहीं हैं, जिन्होंने युद्ध के चलते इस्तीफा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि अगर रूस हार जाता है तो पुतिन के पास ऐसा कुछ नहीं तो वह देश को बदले में दे सकें। इसके बाद निराशा और असहमति होगी। वह लोग ऐसा भी सोच सकते हैं कि अब उन्हें पुतिन की जरूरत नहीं है। जैसे ही उन्हें यह पता चल गया कि पुतिन सिर्फ अपने लोगों को डर और धमकी दे सकते हैं, चीजें अपने आप बदल जाएंगी। बता दें कि यूक्रेन में अभी बखमुत के पास लड़ाई चल रही है। रूस ने इस छोटे शहर पर कब्जे के लिए लड़ाई तेज कर दी है।

विपक्षी कार्यकर्ता पर केस
इस बीच रूस की एक अदालत ने देशद्रोह और यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान के बारे में भ्रामक सूचना फैलाने के आरोप में एक प्रमुख विपक्षी कार्यकर्ता के खिलाफ सोमवार को मुकदमा शुरू किया। व्लादिमीर कारा-मुर्जा जूनियर नामक विपक्षी कार्यकर्ता पर आरोप है कि उन्होंने कई पश्चिमी देशों में अपने सार्वजनिक संबोधनों में रूसी सरकार की आलोचना की है। मॉस्को की एक अदालत में बंद दरवाजों के भीतर शुरू हुई सुनवाई के दौरान कारा-मुर्जा जूनियर ने खुद को निर्दोष बताया।

 

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