राहुल गांधी ने लोकसभा में सांसदों को जवाब देने के लिए दोबारा मांगी अनुमति, क्या मिलेगा सदन में बोलने का मौका?

नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 18 मार्च को लोकसभा अध्यक्ष ओम ओम बिड़ला को पत्र लिखकर लोकसभा में बोलने की अनुमति मांगी है। ये दूसरी बार है जब राहुल गांधी ने लोकसभा में सांसदों को जवाब देने के लिए अनुमति मांगी है। इससे पहले यूके में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में उनकी बातचीत के दौरान उनकी टिप्पणी को लेकर बड़े पैमाने पर विवाद हुआ था।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक नियम संख्या 357 के तहत राहुल गांधी ने सदन में मंत्रियों को जवाब देने की अनुमति के संबंध में स्पीकर को पत्र लिखा है। इससे पहले भी राहुल गांधी ने 16 मार्च को ओम बिड़ला से मुलाकात के दौरान चल रहे विवाद को संबोधित करने की अनुमति मांगने के लिए स्पीकर से मुलाकात की थी।

राहुल गांधी ने पत्र में क्या लिखा?
राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा, "सर, मैं यह भी बोल सकता हूं क्योंकि नियम 352 में अन्य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि कोई सदस्य बोलते समय सदन के किसी अन्य सदस्य की सदाशयता पर सवाल उठाते हुए या आरोप लगाते हुए व्यक्तिगत संदर्भ नहीं देगा। नियम 353 में यह भी कहा गया है कि मानहानिकारक या आपत्तिजनक प्रकृति का कोई आरोप तब तक नहीं लगाया जाएगा जब तक कि सदस्य ने अध्यक्ष को पर्याप्त नोटिस नहीं दिया हो। इसके अलावा, 357 में प्रावधान है कि अध्यक्ष किसी सदस्य को व्यक्तिगत स्पष्टीकरण देने की अनुमति देगा अगर उसके खिलाफ कुछ आरोप लगाया गया है तो। इसलिए मैं भी आपसे बोलने की अनुमित मांग रहा हूं। पत्र में ये भी कहा है कि दोनों माननीय मंत्रियों ने बिना किसी पूर्व सूचना के हमारे खिलाफ निराधार टिप्पणी की और उनकी पार्टी के सदस्यों को आरोपों का खंडन करने के लिए कोई अवसर नहीं दिया गया है।

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