पहले उद्धव ठाकरे ने किया विरोध, अब शरद पवार ने दिया झटका; सावरकर के मुद्दे पर महाराष्ट्र में अकेली पड़ी कांग्रेस

नई दिल्ली

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) को लेकर राहुल गांधी के द्वारा दिए बयानों के बाद कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र में अलग-थलग पड़ती नजर आ रही है। पहले उद्धव ठाकरे ने इसका विरोध किया। इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने सावरकर को महान बताकर कांग्रेस को झटका दिया है। पवार ने शनिवार को कहा कि सावरकर का वैज्ञानिक दृष्टिकोण था और वह एक प्रगतिशील व्यक्ति थे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनको लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयानों से राजनीतिक विवाद हुआ है, जो कि लोगों को गंभीर मुद्दों से भटका रहा है।

शरद पवार ने आगे कहा कि उन्होंने भी सावरकर को लेकर कुछ बयान दिए थे, लेकिन वे विशेष रूप से हिंदू महासभा के बारे में थे। जिसके नेता सावरकर थे। शरद पवार ने सावरकर को अपने समय का बहुत प्रगतिशील नेता बताते हुए कहा, "उन्होंने अपने घर के सामने एक मंदिर बनवाया और इसकी जिम्मेदारी वाल्मीकि समुदाय के एक सदस्य को दी थी।"

इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) ने कहा था कि वह सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं करेगी। आपको बता दें कि राहुल गांधी ने सावरकर को कायर बताते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी आजादी के लिए अंग्रेजों से माफी मांगी थी। इतना ही नहीं, लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने कहा था, "मैं सावरकर नहीं, मैं गांधी हूं। मैं माफी नहीं मांगूगा।"

शरद पवार ने कहा, "सावरकर आज के समय में एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं हैं। देश इस समय बहुत सारी चुनौतियों का सामना कर रहा है, उन पर सभी का ध्यान देने की जरूरत है।" पवार ने कहा कि भाजपा को राहुल गांधी की टिप्पणियों को बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, "यहां तक कि प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान भी इस तरह के बयान दिए गए थे। इसे रचनात्मक तरीके से देखा जाना चाहिए।"  

शरद पवार ने सावरकर के बलिदानाों के याद करते हुए कहा, ''ब्रिटिश राज द्वारा राष्ट्र के लिए उनके बलिदान और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल में उनके कारावास को भुलाया नहीं जा सकता है।''

 

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