बीजेपी का एनसीपी को न्योता… महाराष्ट्र में अधर में महाअघाड़ी?

 मुंबई

महाराष्ट्र में तेजी से सियासी समीकरण बदल रहे हैं. जहां एक ओर एनसीपी चीफ शरद पवार ने सरकार के खिलाफ विपक्ष के मुद्दों की हवा निकाल दी, तो वहीं उनके भतीजे अजित पवार पीएम मोदी के करिश्मे की तारीफ कर रहे हैं. इन सबके बीच BJP ने NCP को साथ आने का न्योता दे डाला है. बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि अगर राष्ट्रवादी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) राष्ट्रवाद के साथ आना चाहते हैं, तो किसी को क्या समस्या? उधर, अजित पवार ने महागठबंधन में पड़ रही रार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है.

दरअसल, महाराष्ट्र में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था. वहीं, एनसीपी कांग्रेस के साथ मिलकर मैदान में उतरी थी. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था. लेकिन सीएम के पद को लेकर दोनों पार्टियों में विवाद हो गया था. इसके बाद बीजेपी और शिवसेना की राह अलग अलग हो गई थीं.  शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई थी. एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव सरकार गिर गई, लेकिन महाविकास अघाड़ी गठबंधन बरकरार रहा था, लेकिन अब इसमें फूट पड़ती दिख रही है.

क्या बोले सुधीर मुनगंटीवार ?

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने एनसीपी के साथ गठबंधन से जुड़े सवाल पर कहा कि अगर राष्ट्रवादी राष्ट्रवाद के साथ आना चाहें, तो क्या परेशानी है. हम खुद राष्ट्रवाद के साथ हैं. अच्छी बात है, अगर वो राष्ट्रवाद के तरफ आना चाहते हैं. उनका स्वागत करना चाहिए. देश के हित में अगर वो बात करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत करना चाहिए. अगर उद्धव के साथ नहीं जाकर वे (एनसीपी) जनतंत्र के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं, तो उसमें हमें क्या दिक्कत होगी. रास्ता बड़ा है, एक कदम उन्हें बढ़ाने दीजिए, फिर देखते हैं, आगे क्या होगा? उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में जनवरी फरवरी में समीकरण बदलेंगे. कांग्रेस खुद अलग थलग पड़ जाएगी.

अजित पवार ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

उधर, अजित पवार ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को महा विकास अघाड़ी में रार की वजह बताया. अजित पवार ने कहा, नाना पटोले द्वारा मीडिया में दिए जा रहे बयान अनावश्यक हैं. वे अघाड़ी में दरार पैदा करने वाले हैं. वे मीडिया में बयान क्यों देते हैं? अगर उनके पास सवाल हैं, तो वे मुझसे या उद्धव जी से बात कर सकते हैं.

– शरद पवार ने विपक्षी मुद्दों की निकाली हवा

जैसे जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे वैसे महाराष्ट्र में भी समीकरण तेजी से बदलते दिख रहे हैं. एक ओर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत विभिन्न विपक्षी दल रणनीति के तहत मोदी सरकार को घेरने में जुटे हैं. जहां राहुल लगातार अडानी और सावरकर के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे हैं, तो वहीं AAP  पीएम की फर्जी डिग्री मामले पर पीएम मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साध रही है. इन सबके बीच शरद पवार ने विपक्ष के मुद्दों पर ही अख्तियार रुख अपना लिया है. उन्होंने पिछले 10 दिन में सावरकर, अडानी, पीएम की फर्जी डिग्री मामले पर बीजेपी को राहत देने वाले बयान दिए. शरद पवार के बयान को विपक्षी एकजुटता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

– अजित पावर ने मोदी की तारीफ की

– इससे पहले अजित पवार भी विपक्षी दलों की धड़कने बढ़ा चुके हैं. उन्होंने पिछले दिनों पीएम मोदी की तारीफ की थी. इतना ही नहीं उन्होंने उस EVM पर भी भरोसा जताया था, जिस पर विपक्षी नेता समय समय पर अपने हिसाब से सवाल उठाते रहे हैं.

उन्होंने कहा था, मुझे ईवीएम पर पूरा भरोसा है. कोई एक व्यक्ति ईवीएम में हेरफेर नहीं कर सकता है, यह एक बड़ी प्रणाली है. हारने वाली पार्टी ईवीएम को दोष देती है, लेकिन यह लोगों का जनादेश है.उन्होंने कहा था, जिस पार्टी के केवल दो सांसद थे, उसने पीएम मोदी के नेतृत्व में साल 2014 में जनादेश से सरकार बनाई और देश के दूर-दराज वाले इलाकों में पहुंच गई तो क्या ये मोदी का करिश्मा नहीं है?

– सुप्रिया सुले ने केंद्र के मंत्रियों की तारीफ की

उधर, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने केंद्र के मंत्रियों की तारीफ की है. उन्होंने बीजेपी नेताओं की तारीफ करते हुए कहा, ''गडकरी अच्छा काम कर रहे हैं, जयशंकर जी का काम अच्छा है, रेलवे मंत्रालय के द्वारा भी अच्छे काम किए जा रहे हैं. लेकिन मेरा सामाजिक न्याय मंत्रालय से झगड़ा है. मंत्रालय द्वारा मेरे क्षेत्र के लिए आवश्यक सहायता प्रदान नहीं की जा रही है. हालांकि, यह व्यक्तिगत नहीं है. मैं अच्छे काम के लिए हमेशा आभार व्यक्त करती हूं.''

 
उद्धव ने की शरद पवार से मुलाकात

उधर, एमवीए के नेताओं में दिख रहे आपसी मतभेद के बीच पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के घर जाकर मुलाकात की.ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. दरअसल, सावरकर को लेकर राहुल गांधी के बयान पर उद्धव तो अडाणी मामले में शरद पवार के बयान से लग रहा था कि एमवीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

 

 

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