पिछले रिकॉर्ड के कारण DPC में कई अफसरों को लग सकता है झटका

भोपाल

एसपीएस अफसरों को आईपीएस अवार्ड करने के लिए होने वाली डीपीसी में कई अफसरों को झटका लग सकता है। दरअसल इनमें से कुछ अफसरों का पिछला रिकॉर्ड ऐसा रहा कि उनके आईपीएस  बनने में सबसे बड़ा रोढ़ा अब यही रिकॉर्ड बन गया है। आईपीएस बनने की दहलीज पर खड़े इन अफसरों का इस साल आईपीएस बनने का सपना पूरा फिलहाल पूरा होते हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। दो मई को दिल्ली में होने जा रही डीपीसी के लिए 48 अफसरों के नामों पर चर्चा होगी।

प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवार्ड के लिए 2 मई को दिल्ली में होने वाली डीपीसी में आधा दर्जन से ज्यादा अफसरों के आईपीएस होने की किस्मत लिफाफे में ही बंद रह सकती है । इन अफसरों के लिफाफे बंद रहने की संभावना के चलते 1997 के कुछ अफसरों को इसका फायदा मिल सकता है । इनमें से दो अफसर तो पिछली कुछ डीपीसी से आईपीएस नहीं हो पा रहे हैं उनका लिफाफा लगातार बंद ही रह रहा है।

दो वर्ष  की वैकेंसी के विपरित 16 सबसे सीनियर एसपीएस अफसरों  को आईपीएस बनाने के लिए डीपीसी दो मई को होना है। जिसमे पिछली कुछ सालों की डीपीसी की तरह वर्ष 1995 बैच के देवेंद्र कुमार सिरोलिया और प्रकाश चंद्र परिहार का लिफाफा बंद रहने की संभावना बनी हुई है । वही 1996 बैच के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह और 1997 बैच के बटालियन में डिप्टी कमांडेंट अरुण कुमार मिश्रा का लिफाफा भी बंद रहने की संभावना है। वही मिश्रा के ही बैच के सीताराम ससत्या और अवधेश प्रताप सिंह को लेकर भी इस डीपीसी में संशय की स्थिति बनी हुई है।

उम्र पड़ी भारी
शुरूआती 16 अफसरों में शामिल गोपाल प्रसाद खांडेल और मुन्ना लाल चौरसिया का नाम डीपीसी में शामिल नहीं रहेगा। दरअसल यह दोनों अफसर 56 साल की उम्र को पार कर चुके हैं और नियमानुसार राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवार्ड होने के लिए अधिकतम उम्र 56 वर्ष है । इस तरह अब उम्र के फेर में देवेंद्र कुमार सिलोलिया भी आ गए हैं। इस साल की डीपीसी में यदि विनोद कुमार सिंह को आईपीएस नहीं मिला तो अगले साल वे भी 56 की उम्र के बंधन में आ जाएंगे।

इन अफसरों के आईपीएस अवार्ड होने की संभावना
वर्ष 2021 की वैकेंसी के विपरित राज्य पुलिस सेवा के वर्ष 1996 मनीष खत्री, राजेश कुमार त्रिपाठी, सुनील कुमार मेहता, वीरेंद्र जैन, देवेंद्र कुमार पाटीदार , राय सिंह नरवरिया, रामशरण प्रजापति, सुंदर सिंह कनेश और 1997 बैच के  राजेश व्यास, पदम विलोचन शुक्ला के आईपीएस बनने की संभावना है। वहीं वर्ष 2022 की वैकेंसी और कॉडर रिव्यू से मिले पद पर वर्ष 1997 के सुधीर कुमार अग्रवाल, पंकज कुमार पांडे, अजय पांडे, डॉ. संजय कुमार अग्रवाल, दिलीप कुमार सोनी आईपीएस बन सकते हैं।

नहीं तो सिर्फ एक पद से ही करना पड़ता संतोष
राज्य पुलिस सेवा के अफसरों से आर्ईपीएस की वर्ष 2022 में एक ही वैकंसी निकली थी। जबकि इस वर्ष की डीपीसी में 6 अफसरों को आईपीएस अवार्ड होना है। दरअसल पिछले साल जून में आईपीएस कॉडर रिव्यू हुआ था, जिसमें राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवार्ड के लिए पांच पदों का इजाफा हुआ था। इसके चलते इन अफसरों को पांच पद और मिल गए।

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