अब मैं समझी कि मेरी मॉम किन हालातों से गुजरी होंगी:कशिश दुग्गल

मुंबई

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो ‘सपनों की छलांग’ दर्शकों को राधिका की एक दिलचस्प कहानी दिखा रहा है, जो झांसी से आकर सपनों के शहर मुंबई में एक विश्वास की छलांग लगाती है। इस शो में मेघा रे प्रमुख नायिका का रोल निभा रही हैं, जिसमें अब तक दिखाया गया कि राधिका अपने पैरेंट्स खासतौर से अपने पिता को मुंबई में अपना करियर बनाने की इजाजत देने के लिए मनाती है।

अब उसे एक अजनबी शहर में रहने की चुनौतियों का सामना करना होगा, जिसमें उसे अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आईं अपनी रूममेट्स के साथ एडजस्ट करने के अलावा अपनी पहली जॉब के प्रेशर को संभालते हुए अपनी सख्त बॉस को प्रभावित करना होगा। नए दौर के इस ड्रामा ने दर्शकों में खासी दिलचस्पी जगा दी है। दर्शक ये जानने को उत्सुक हैं कि राधिका की जिÞंदगी में अब आगे क्या होगा, जहां वो अपने काम और झांसी में अपने परिवार की चिंताओं के बीच बैलेंस बनाने में जुटी हुई है। राधिका पहली बार अपने घर के सुरक्षित माहौल से बाहर निकली है और ऐसे में उनकी मां की चिंता जायज है। हालांकि उन्हें अपनी बेटी की काबिलियत पर पूरा भरोसा है, लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं उन्हें राधिका की चिंता सताती है।

एक बच्चा जब पहली बार अपना आशियाना छोड़कर बाहर की दुनिया में जाता है, तब एक मां को क्या एहसास होता है, इस बारे में चर्चा करते हुए कशिश दुग्गल अपने किरदार सुमन यादव से जुड़ जाती हैं और अपनी खुद की जिदगी का ऐसा ही एक किस्सा बताती हैं। सुमन की अंदरूनी कश्मकश के बारे में बात करते हुए कशिश दुग्गल कहती हैं, मैं सुमन में अपनी मां को देखती हूं। मैं एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपना भविष्य बनाने के लिए अपना घर छोड़कर अपने पैरेंट्स से दूर एक दूसरे शहर में आई थी।

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