बढ़ती जनसंख्या कई समस्याओं की जड़ : शांता कुमार

पालमपुर
 पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने राजस्थान के मंडली गांव में गरीबी और भुखमरी से पीड़ित एक महिला द्वारा अपने चार बच्चों की हत्या करने और उसके बाद स्वंय फंदे पर लटक जाने की घटना पर शोक जताया है।

उन्होंने  एक बयान में कहा कि पूरे भारत में पिछले दिनों पर्यावरण दिवस की धूम रही थी, बड़े वायदे किए गए और योजनाएं बनाई गईं। मुझे दुख है कि जिस एक समस्या के कारण सभी समस्याएं पैदा हो रही हैं, उसकी तरफ देश ध्यान नहीं दे रहा है।

शान्ता कुमार ने कहा कि चीन को पछाड़ कर भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया। इसके साथ ही गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और प्रदूषण भी दुनिया में सबसे अधिक होने लगा।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबी ओर बेरोजगारी दूर करने के लिए सब कुछ किया। इससे अधिक कोई कुछ नहीं कर सकता परन्तु बढ़ती आबादी के विस्फोट के कारण एक ओर अमीरी चमक रही है तो दूसरी तरफ गरीबी सिसक रही है। बेरोजगारी के कारण युवा शक्ति अपराध की ओर भी जा रही है और आत्महत्याएं भी बढ़ रही हैं। चपरासी तक की नौकरी के लिए बीए और एमए उम्मीदवार बन रहे हैं।

शान्ता कुमार ने कहा कि बढ़ती आबादी के दबाव में देश की राजधानी दिल्ली में 20 लाख लोगों की सैंकड़ों अवैध बस्तियां बस गईं। ये बस्तियां कहने को अवैध थीं परन्तु सड़क बन गई, पानी मिल गया। कुछ सालों के बाद वोट की राजनीति के कारण सभी पार्टियों ने उन अवैध बस्तियों को वैध करवा लिया। क्या देश स्वंय आत्महत्या की ओर नहीं जा रहा।

उन्होंने कहा कि दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लाल किले के भाषण में जनसंख्या विस्फोट कह कर चर्चा की थी। आशा थी कि इस दिशा में सरकार कुछ करेगी परन्तु आज तक कुछ नहीं हुआ।

शान्ता कुमार ने कहा कि देश की सभी समस्याओं की जड़ में एक ही कारण है- जनसंख्या विस्फोट। विभाजन के समय हम 33 करोड़ थे आज 141 करोड़ हो गये। देश में टिड्डी दल की तरह बढ़ती जनसंख्या सब से बड़ा सकंट बन गया और देश इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और प्रदूषण का सबसे बड़ा यही कारण है। पूरा देश समय रहते इस दिशा में निर्णय ले। कानून द्वारा बढ़ती जनसंख्या को रोका जाए।

 

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