कार में ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल फीचर, क्या ये वाकई फायदेमंद होते हैं?

एयर-कंडीशनर (एसी) हर कार में एक जरूरी चीज है। वाहन में आरामदायक और सुखद यात्रा सुनिश्चित करने में एसी काफी मददगार होता है। चाहे आप गर्म और उमस भरे मौसम में, धूल भरी स्थिति में, या यहां तक कि मॉडरेट तापमान के दौरान भी गाड़ी चला रहे हों, आपकी कार का एयर कंडीशनिंग सिस्टम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कार के अंदर एक खुशनुमा तापमान बनाए रखने में मदद करता है, आपको ठंडा रखता है और पूरे सफर के दौरान तरोताजा महसूस कराता है। भारत जैसे देश में, जहां साल के ज्यादातर समय में गर्म और उमस का मौसम रहता है जो यात्रा के दौरान डीहाइड्रेशन, उल्टी और यहां तक कि कमजोरी जैसी कई समस्याओं का कारण बनती है। इसलिए, कार में एक बढ़िया एयर-कंडीशनर होना काफी अहमियत रखता है।

क्या है ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल
कई अन्य एडवांस्ड फीचर्स के साथ, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल ने भी लोगों के कार केबिन एक्सपीरियंस को और ज्यादा आरामदायक बना दिया है। मैन्युअल एसी सिस्टम वाली कार के लिए आपको एसी को मैन्युअल रूप से चालू करना होगा, और ब्लोअर की स्पीड और तापमान सेटिंग्स को कंट्रोल करना होगा। दूसरी ओर, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल से लैस कारों में चीजें बहुत आसान होती हैं। बाहरी तापमान भले ही जो हो, कार के अंदर केबिन का तापमान वहीं रहेगा जो आपने सेट कर दिया है। ऑनबोर्ड सेंसर आपके द्वारा केबिन में सेट किए गए लेवल को बनाए रखने के लिए बाहर के तापमान और उमस के आधार पर गर्म और ठंडी केबिन हवा को कंट्रोल करते हैं।

ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल एक ऐसा फीचर है जो पहले सिर्फ प्रीमियम कारों में मिलता था। हालांकि आजकल ज्यादातर मॉडर्न कारों में, यहां तक कि मास-मार्केट सेगमेंट में भी, यह फीचर स्टैंडर्ड फिटमेंट के रूप में पेश किया जा रहा है। हालांकि, यह फीचर कई कारों में मौजूद होने के बावजूद, कई कार मालिकों को इसको ठीक से चलाना नहीं  जानते। यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह फीचर कैसे काम करता है। यहां हम आपको वो सभी जरूरी जानकारी दे रहे हैं जो आप ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल के बारे में जानना चाहते हैं।

कनेक्टेड टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ा
ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल से लैस कई मॉडर्न कारों में, यह फीचर कनेक्टेड टेक्नोलॉजी के साथ आती है। ज्यादातर प्रीमियम कारों के साथ, ह्यूंदै वेन्यू या किआ सेल्टोस जैसे मॉडलों में, ड्राइवर दूर से एसी सिस्टम को चालू कर सकता है। जिससे जब आप बाहर चिलचिलाती गर्मी से आ रहे हों, तो आपको कार का केबिन पहले से ठंडा मिलता है।

एयर प्यूरिफायर और परफ्यूम
किआ सेल्टोस, एमजी जेडएस ईवी, ह्यूंदै क्रेटा आदि जैसी कई कारों में, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम एक बिल्ट-इन एयर प्यूरिफायर के साथ आता है, जो ऑटोमैटिक रूप से केबिन के अंदर हवा को साफ करती है, जिससे पार्टिकुलेट मैटर (कण पदार्थ) के स्तर को कम किया जाता है। मर्सिडीज-बेंज एस-क्लास और बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज जैसी कुछ लग्जरी कारों में, यह फीचर बिल्ट-इन परफ्यूम डिफ्यूजर के साथ आता है।

मल्टी-जोन क्लाइमेट कंट्रोल
यदि आप अपने परिवार के साथ, पीछे की सीट में बैठे लोगों के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो उन्हें कार के आगे बैठे लोगों के बराबर कूलिंग की जरूरत नहीं होगी। मैनुअल एसी सिस्टम वाली कारों में, अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग तापमान को कंट्रोल करना संभव नहीं है। हालांकि, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल से लैस कारों में यह आसानी से किया जा सकता है। कई मॉडर्न ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल से लैस कारें मल्टी-जोन क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम के साथ आती हैं। मिसाल के लिए, दो, तीन या यहां तक कि क्वाड-जोन ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल भी इन दिनों कारों में देखे जा सकते हैं। बीएमडब्ल्यू एक्स7 और मर्सिडीज-बेंज जीएलएस जैसी कुछ शानदार एसयूवी 5-जोन क्लाइमेट कंट्रोल यूनिट से लैस हैं।

चलाना थोड़ा मुश्किल होता है
हर चीज के पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों पहलू होते हैं। ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल दिलचस्प लग सकता है, लेकिन वास्तव में इसे चलाना थोड़ा जटिल है, खासकर नए यूजर्स के लिए। गाड़ी चलाते समय उन्हें एडजस्ट करना एक मुश्किल काम हो सकता है। इसके अलावा, चूंकि कार केबिन एक सीमित छोटी जगह है, इसलिए अलग-अलग तापमान वाली हवा के आपस में घुल-मिल जाने की संभावना हमेशा ज्यादा रहती है। जो वास्तव में क्लाइमेट कंट्रोल की मूल अवधारणा को ही खतरे में डालती है, खासकर मल्टी-जोन क्लाइमेट कंट्रोल से लैस कारों में।

ठीक करना महंगा है
कहते हैं सादगी सबसे अच्छी होती है। हालांकि मैनुअल एसी चलाना या किसी परेशानी की स्थिति में उन्हें ठीक कराना बिल्कुल भी मेहनत वाली या बहुत महंगी प्रक्रिया नहीं है। जबकि ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम अपने सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक्स के कारण महंगी होती हैं।

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