बारिश से हिमाचल से हरियाणा तक कोहराम, देश का सबसे लंबा हाईवे भी करना पड़ा बंद; पंजाब में भी नुकसान

पंजाब
कई सप्ताह के इंतजार के बाद आए मॉनसून ने उत्तर भारत में तबाही के साथ दस्तक दी है। हिमाचल प्रदेश से लेकर यूपी और राजस्थान तक 41 लोगों की भारी बारिश से मकान गिरने या फिर बिजली गिरने से मौत हो गई है। यही नहीं हिमाचल के मंडी जिले और लाहौल स्पीति में भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर समूचे मकान ही बह गए तो कारें भी किसी खिलौने की तरह तैरती दिखीं। भारी बारिश के चलते ब्यास नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है और इसका असर पंजाब तक देखने को मिला है। यही नहीं यमुना नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है, जिसके चलते हरियाणा से लेकर दिल्ली तक अलर्ट है।

भारी बारिश से हरियाणा के 16 जिले अलर्ट पर हैं। हरियाणा के अंबाला में सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है, जहां नेशनल हाईवे 44 यानी जीटी रोड को भी बंद करना पड़ा है। अंबाला से ठीक पहले चंडीगढ़ और पंजाब जाने वाले हाईवे के ट्रैफिक को डाइवर्ट किया गया है। हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र के शाहबाद से ही ट्रैफिक का रूट डायवर्जन किया है। अंबाला के मोहरा गांव से आगे वाहनों को नहीं जाने दिया जा रहा। दरअसल खेतों में लबाबल पानी भरने के बाद हाईवे का भी एक हिस्सा डूब गया है। ऐसे में ट्रैफिक के लिए हाईवे सेफ नहीं बचा है। इसी वजह से ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा।

सोमवार रात को डिप्टी कमिश्नर शालीन ने अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर शंभू टोल प्लान के पास दौरा किया। इस दौरान हालात विपरीत पाए जाने पर उन्होंने ट्रैफिक का रूट बदलने का फैसला दिया। हाईवे अथॉरिटी ने भी लोगों से अपील की है कि वे अगले दो से तीन दिन नेशनल हाईवे 44 और हिसार चंडीगढ़ को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 152 पर सफर ना करें। हाईवे अथॉरिटी ने कहा,'यह सलाह दी जाती है कि यात्री नेशनल हाईवे 44 पर शाहबाद से अंबाला के बीच और नेशनल हाईवे 152 पर अंबाला से कैथल के बीच सफर ना करें। अगले दो से तीन दिन सावधानी की जरूरत है।'

हिमाचल प्रदेश और पंजाब में भारी बारिश के चलते ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा है। इसके अलावा यमुना में पानी बढ़ने से हथिनीकुंड बैराज पर जलस्तर 3 लाख क्यूसेक को पार कर चुका है। इसके चलते पानी छोड़ना पड़ेगा। इससे हरियाणा से लेकर दिल्ली तक असर देखने को मिलेगा। मंगलवार को सुबह बैराज पर 3,20,893 क्यूसेक जल था। इसी के चलते दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम यूपी के कई जिलों में बाढ़ का अलर्ट भेजा गया है। फिलहाल पानी छोड़ना शुरू कर दिया गया है और अगले कुछ दिनों में ही इसका असर दिखने लगेगा। दिल्ली में तो अब भी यमुना खतरे के निशान के करीब ही बह रही है।

पंजाब में 150 सड़कें और 10 पुलों को पहुंचा नुकसान

पंजाब में भी भारी बारिश ने बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं। रूपनगर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब समेत ज्यादातर इलाकों में गांवों तक में पानी भरा है। भारी बारिश के चलते राज्य में 150 सड़कों और 10 छोटे पुलों को नुकसान पहुंचा है। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल पूरी तरह आकलन नहीं हो पाया है। लेकिन शुरुआती जांच में पता चला है कि बड़े पैमाने पर राज्य की सड़कें खराब हुई हैं।  

 

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