ईरान की महिला क़ैदियों ने बताया- कैमरे के सामने कपड़े उतार की जाती है जाँच

तेहरान

ईरान की पूर्व महिला क़ैदियों ने बताया है कि जेल में उनके कपड़े उतार कर उनकी तलाशी ली जाती थी.क़ैदियों को उनके सैनिटरी पैड और टैंपून हटाने के लिए मजबूर किया गया और इस दौरान डंड बैठक भी कराई गई.

एविन और क्वार्चाक जेल में क़रीब तीन साल जेल में बिताने वालीं मोज़गान केशावार्ज़ कहती हैं, "वो हमें ज़लील करने के लिए ऐसा करते हैं."उन्होंने बताया कि तीन बार सुरक्षा कैमरों के सामने कपड़े उतरवा कर उनकी तलाशी ली गई. वो साल 2022 में जेल से बाहर आई थीं.उसके मुताबिक़ तीसरी बार एक महिला गार्ड ने उनकी तस्वीर खींची जब वो निर्वस्त्र थीं.

जब केशावार्ज ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने कहा कि ऐसा करना ज़रूरी था ताकि भविष्य में कोई यातना का आरोप न लगा सके.वो कहती हैं, "इन वीडियो और फ़ोटो का कौन देखेगा, क्या इनका इस्तेमाल सरकार बाद में हमें चुप कराने के लिए करेगी."

उनके इंस्टाग्राम पन्ने पर उनकी कई बिना हिजाब वाली तस्वीरें हैं. उन पर "देश की सुरक्षा के ख़िलाफ़ साज़िश करने, इस्लाम का अपमान, ईरान के ख़िलाफ़ प्रॉपेगैंडा, भ्रष्टाचार और फुहड़ता तो बढ़ावा देने" के आरोप हैं.

उन्हें 12 साल की सज़ा सुनाई गई है.

हाल ही में उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में सज़ा हुई है – इस आरोप में मौत की सज़ा तक का प्रावधान है. अब वह निर्वासन में हैं.

कई बार फिल्मिंग की घटनाएं

ईरान की पूर्व महिला क़ैदियों ने बताया है कि ईरान में ड्रग से जुड़े मामलों में हिरासत में लिए गए क़ैदियों के कपड़े उतार कर तलाशी लिए जाने का चलन कई सालों से चल रहा है.

लेकिन अच्छे आचरण वाले क़ैदियों को इससे दूर ही रखा जाता था और कैमरे के सामने तो ऐसा बिल्कुल नहीं होता था.

जून की शुरुआत में ईरान की न्याय-व्यवस्था ने क़ैदियों के ऐसे आरोपों को ग़लत बाताते हुए इसे "हाईब्रिड जंग और पश्चिम का फ़ुल स्केल प्रॉपेगैंडा" बताया था.

हालांकि जून के मध्य में ईरानी न्यायपालिका के प्रमुख ने ये माना कि क़ैदियों की फिल्मिंग होती है और कहा था कि "सिर्फ़ महिला गार्ड ही इन फुटेज को देखती हैं."ये भी आरोप लगे थे कि फिल्मिंग ऐसे इलाक़े में होती है, जहां कैमरे नहीं होने चाहिए.

तेहरान के एक वकील मोहम्मद हुसैन असासी ने कहा, "सीसीटीवी की इजाज़त उन्हीं जगहों पर है, जहाँ क़ैदी चल रहे होते हैं, जैसे कि कॉरिडोर में."स्ट्रिप सर्च की रिकॉर्डिंग करना ईरान के लिए नई बात नहीं है. दूसरे देशों से भी ऐसी ख़बरे आई हैं, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया के साउथ वेल्स में ऐसी एक घटना की बहुत चर्चा हुई थी.दस्तावेज़ों से ये पता चलता है कि अफ़सर सर्च के दौरान कई बार फ़िल्मिंग करते हैं.

लेकिन ईरान में अलग और डाराने वाली बात ये है कि हमसे बात करने वालों ने बताया कि इस प्रक्रिया को उन्हें ज़लील करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. हैकिंग समूह इदलात अली से नवंबर 2021 के ख़ुफ़िया दस्तावेज़ मिले हैं, जिनमें एक चिट्ठी है. इसमें ईरान की न्यायपालिका एक स्ट्रिप सर्च की बात को स्वीकार करती है.

इस चिट्ठी में मोजगन कावोसी का ज़िक्र भी है, जो कि कुर्दों के अधिकार के लिए आवाज़ उठाती हैं. उन्हें भी जेल में इस प्रथा का शिकार होना पड़ा.

ईरान के एक सूत्र ने बताया कि कावोसी की पाँच बार कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई.दस्तावेज़ों से पता चलता है कि मानवाधिकार समाचार एजेंसी ह्राना द्वारा उनके कपड़े उतारकर तलाशी लेने से जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद, ईरान के अभियोजकों के कार्यालय को मामले की जांच करने के लिए कहा गया था.

कावोसी अब ज़मानत पर हैं.एलहेह इज़बारी, एक अधिकार कार्यकर्ता जो कि बालूच अल्पसंख्यकों के लिए काम करती हैं,   उन्होंने कहा, "दोनों बार गिरफ़्तारी के बाद मेरे कपड़े उतरवा कर जांच की गई और शरीर का मज़ाक बनाया गया."

उन्होंने अपने हाथ पर एक निशान दिखाया जो उनके मुताबिक़ जांच करने वालों ने सिगरेट से जलाया था. उन्हें नवंबर 2022 में गिरफ़्तार किया गया था और तीन अलग-अलग अनजान जगहों पर रखा गया था.

सुरक्षा एजेंसियों के बार-बार कॉल करने और गिरफ़्तार करने की धमकी के कारण वो ईरान से भाग गईं. नसीबे शमशी एक और ईरानी महिला हैं, जिनके कपड़े उतार कर तीन बार जांच की गई.

वो रिवॉल्युशन स्ट्रीट नाम के समूह का हिस्सा रही हैं, जिन्होंने हिजाब की अनिवार्यता के ख़िलाफ़ अपना हिजाब हटा कर 2018 में प्रदर्शन किया था. उस वक़्त दर्जनों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.

उन पर कई आरोप लगाए गए, जिसमें "हिजाब हटाकर ईरान के ख़िलाफ़ प्रॉपेगैंडा फैलाने और इनके फाउंडर और सुप्रीम लीडर के अपमान" का आरोप शामिल था.

उन्हें तीन महीने की जेल के बाद रिहा किया गया और अब वो निर्वासन में हैं.

वह कहती हैं कि जब उन्होंने सीसीटीवी के सामने कपड़े उतारने को लेकर शिकायत की, तो जेल के एक गार्ड ने कहा, "आज से सब कुछ मुमकिन है."

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