CM को बुधनी से टक्कर देने डेढ़ दर्जन कांग्रेसियों ने पेश की अपनी दावेदारी

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनके बुधनी विधानसभा में पिछले दो चुनाव में बाहरी उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस ने टक्कर देने का प्रयास किया, लेकिन उसके यह दोनों ही प्रयास रत्तीभर भी असरकारक नहीं हो पाए। नतीजे में इस बार डेढ़ दर्जन के लगभग स्थानीय नेता शिवराज सिंह चौहान को टक्कर देने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। इनमें से दो दावेदार को छोड़ दिया जाए तो किसी ने भी अब तक विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य नहीं आजमाया है।

बुधनी विधानसभा सीट पर कुछ दिन पहले कांग्रेस के पर्यवेक्षक सुभाष चौपड़ा पहुंचे थे। उनके साथ जिला प्रभारी और सह प्रभारी भी थे। इनके सामने  डेढ़ दर्जन नेताओं ने अपने दावेदारी इस सीट से पेश की है। जिनमें आदिवासी से लेकर ओबीसी और सामान्य वर्ग तक के नेता शामिल हैं। वर्ष 2018 के चुनाव में यहां से कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव को मैदान में उतारा था, लेकिन वो भी शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कोई चमत्कार नहीं कर सके थे। इस बार ऐसे किसी अप्रत्याशित उम्मीदवार को उतारे जाने की उम्मीद कांग्रेस की ओर से नहीं हैं। इसलिए इस बार स्थानीय लोगों को ही पार्टी यहां से उम्मीदवार बना सकती है।

कैसी रही शिवराज सिंह चौहान की स्थिति
बुधनी में शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा का पहला चुनाव वर्ष 1990 में लड़ा था। उन्होंने कांग्रेस के हरि सिंह को 22 हजार 810 वोटों से हराया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यहां से उपचुनाव लड़ा। तीसरा चुनाव उन्होंने वर्ष 2008 में यहां से लड़ा, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के महेश राजपूत को 41 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। इसके बाद कांग्रेस ने बुधनी के स्थानीय नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने को महत्व नहीं दिया और वर्ष 2013 में महेंद्र सिंह चौहान को शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव में उतारा। महेंद्र सिंह चौहान यहां से 84 हजार 805 वोटों से हारे। बुधनी विधानसभा क्षेत्र की अब तक की यह सबसे बड़ी जीत है। इसके बाद वर्ष 2018 में भी कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं को महत्व नहीं दिया और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव को टिकट दिया। अरुण यादव पर शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें 57 हजार 999 वोटों से हराया।

ये हैं दावेदार
यहां से 19 दावेदार सामने आए हैं। जिनमें प्रमुख रूप से अर्जुन आर्य, महेश राजपूत, जिला पंचायत के सदस्य बिजेंद्र उईके, हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए अभिनेता विक्रम मस्ताल, आनंद जाट, रविशंकर पांडे, अर्जुन शर्मा, केशव चौहान, सुरेश सेठी,  धर्मेंद्र चौहान आदि शामिल हैं। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि यहां से राजकुमार पटेल को कांग्रेस चुनाव में उतार सकती है। पटेल इस सीट से वर्ष 1993 में विधायक रह चुके हैं।  हालांकि वे यहां से दो चुनाव हार भी चुके हैं। यह भी माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस नसरुल्लागंज की ओर से आने वाले किसी नेता को उम्मीदवार बना सकती है।

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