महालक्ष्मी के मंत्र का जाप शुक्रवार को करें, धन से भर जाएगी तिजोरी, कुबेर भी रहेंगे प्रसन्न, जानें सही विधि

शुक्रवार का दिन धन, वैभव, सफलता, संतान आदि को देने वाली माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन शाम को घर की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए और शाम को मेनगेट पर रंगोली बनाकर तथा घी का दीपक जलाकर माता लक्ष्मी का स्वागत करना चाहिए. कहा जाता है संध्या समय में घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है. जब व्यक्ति आर्थिक संकट से गुजरता है तो सबसे पहले माता लक्ष्मी उसका घर छोड़कर चली जाती हैं. ऐसे में जरूरत होती है धन-ऐश्वर्य को देने वाली माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने की. शुक्रवार के दिन विधिपूर्वक पूजा करके महालक्ष्मी मंत्र का जाप करने से माता लक्ष्मी खुश होती हैं. वे अपने भक्तों के घर आती हैं और उनकी तिजोरी धन-दौलत से भर देती हैं. कुबेर भी प्रसन्न होते हैं. महालक्ष्मी मंत्र और उसके जाप की सही विधि.

माता लक्ष्मी के प्रभावशाली मंत्र

1. माता लक्ष्मी का महा मंत्र
ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा.

माता लक्ष्मी के महा मंत्र का जाप करने से आपर धन, दौलत, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. आपकी धन-संपत्ति स्थिर रहती है. उसमें कमी नहीं आती है.

 

2. लक्ष्मी बीज मंत्र
ओम श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ओम महालक्ष्मी नम:.

माता लक्ष्मी का बीज मंत्र लोगों के भाग्य को बदलने की क्षमता रखता है. यह मंत्र भाग्योदय में सहायक होता है. दरिद्रता को दूर करना हो तो इस मंत्र का जाप माता लक्ष्मी का ध्यान करके करें.

3. आर्थिक संकट या कर्ज से मुक्ति के लिए लक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:.

यदि आप आर्थिक संकट से घिरे हैं तो हर शुक्रवार को इस मंत्र का जाप करें. माता लक्ष्मी की कृपा से धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगेगा.

4. अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः

लक्ष्मी मंत्र जाप की विधि
माता लक्ष्मी के मंत्र का जाप करने से पूर्व स्नान कर लें. पवित्र होकर गुलाबी वस्त्र पहन लें. फिर पूजा स्थान पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना कर लें. माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें. कुश या कंबल के आसन पर बैठकर माता लक्ष्मी का ध्यान करें.

फिर कमलगट्टे या स्फटिक की माला से लक्ष्मी मंत्र का जाप करें. यह सुनिश्चित कर लें कि उस माला में 108 दाने हों. यदि कम या ज्यादा हैं तो उसका उपयोग न करें क्योंकि 108 दाने वाले माला का ही उपयोग करना है. मंत्र संस्कृत में है, इसलिए जाप के समय उसका शुद्ध उच्चारण करें.

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