चीतों की मौत सड़ा माँस खाने से नहीं हुई

क्वारेंटाइन बोमा में चीतों को भैंस के पाड़े का ताजा माँस ही दिया जाता है
मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक ने किया स्पष्ट

भोपाल
मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक असीम श्रीवास्तव ने बताया है कि दिनांक 20 अगस्त 2023 को कतिपय समाचार-पत्र में प्रकाशित खबर "चीतों की मौत सड़ा हुआ माँस खाने से हुई है''। यह तथ्यहीन एवं असत्य है।

मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक ने स्पष्ट किया है कि चीतों को क्वारेंटाइन बोमा में भोजन के रूप में भैंस के पाड़े का माँस दिया जाता है। जिन पाड़ों का माँस चीतों को दिया जाता है, उन्हें एक निश्चित अवधि तक क्वारेंटाइन किया जाता है। जिस दिन चीतों को भोजन देना होता है, उसी दिन इन पाड़ों का ताजा माँस कूनो के वन्य-प्राणी चिकित्सकों के परीक्षण के बाद ही निर्धारित समय-सारणी एवं मात्रा के अनुसार ही दिया जाता है।

उल्लेखनीय है कि कूनो पार्क प्रबंधन द्वारा 80 गाँवों में बनाये गये 400 से अधिक चीता मित्र पार्क प्रबंधन को चीता संरक्षण में निरंतर सहयोग करते हैं। चीता मित्रों द्वारा पार्क प्रबंधन के साथ निरंतर सहयोग किया जाता है।

 

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