ताइवान में राष्ट्रपति बनने की रेस में शामिल हुए फॉक्सकॉन के संस्थापक, जानिए सफलता की कितनी है संभावना?

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ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज होती जा रही है और दुनिया की प्रमुख फोन कंपनी एप्पल इंक की आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन के अरबपति संस्थापक टेरी गौ ने सोमवार को कहा है, कि वह एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में ताइवान के अगले राष्ट्रपति बनने की रेस में शामिल हो रहे हैं। टेरी गौ ने 2019 में फॉक्सकॉन प्रमुख के रूप में पद छोड़ दिया था और उस वर्ष भी राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी पेश की थी, लेकिन ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी कुओमिन्तांग केएमटी के लिए नामांकन जीतने में नाकाम रहने के बाद वह रेस से बाहर हो गए थे, जो परंपरागत रूप से चीन के साथ घनिष्ठ संबंधों का पक्षधर है।

 ताइवान की राजनीति समझिए ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी कुओमिन्तांग केएमटी चीन समर्थक है और इसी साल इस पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग-जेउ ने इसी साल मार्च में चीन का दौरा किया था और वो ताइवान बनने के 74 सालों में चीन की यात्रा करने वाले पहले नेता थे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग-जेउ ने साल 2015 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सिंगापुर में ऐतिहासिक बैठक भी की थी, लेकिन इस बैठक के बाद हुए चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और उसके बाद त्साई इंग-वेन ताइवान की राष्ट्रपति चुनी गईं, जो अभी भी सत्ता में हैं।

 हालांकि, इस बार त्साई इंग-वेन चुनाव नहीं लड़ेंगी और उनकी पार्टी ने उप-राष्ट्रपति विलियम लाई को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है और वो काफी मजबूत स्थिति में हैं। इस बात की पूरी संभावना है, कि विलियम लाई ही आगामी चुनाव जीतने वाले हैं। लिहाजा, फॉक्सकॉन के अरबपति पूर्व प्रमुख के लिए ये चुनाव आसान नहीं होने वाला है। वहीं, चूंकी उन्होंने पिछली बार चीन समर्थक पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनने की कोशिश की थी, लिहाजा उसका भी खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। वहीं, मौजूदा उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति उम्मीदवार विलियम लाई ने इसी महीने अमेरिका का दौरा भी किया है, जिसके बाद चीन ने उन्हें अलगाववादी नेता करार दिया है। विलियम लाई, पराग्वे की अपनी यात्रा से लौटते वक्त अमेरिका की भी यात्रा की थी, जिसके बाद ताइवान स्ट्रेट में चीन ने भीषण युद्धाभ्यास किया था।

 आपको बता दें, कि चीन, ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक अलग स्वतंत्र देश मानता है, लिहाजा उसने विलियम लाई को 'परेशानी पैदा करने वाला शख्स' करार दिया है, जो लोकतंत्र के समर्थक हैं। ऐसे में फॉक्सकॉन के अरबपति संस्थापक टेरी गौ के लिए चुनावी मुकाबला काफी मुश्किल होने वाला है।
 

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