नीतीश कुमार को लगेगा फिर झटका, क्यों सीट बंटवारा टालना चाहता है INDIA गठबंधन

 नई दिल्ली

किसके खाते में कितनी सीटें आएंगी? विपक्ष का मुख्य नेता कौन होगा? इन नए गठबंधन I.N.D.I.A से जुड़े इस तरह के सवालों के जवाब के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। खबर है कि विपक्ष कई बड़े फैसले लेने के लिए आगामी विधानसभा चुनावों के खत्म होने का इंतजार कर सकता है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। माना जा रहा था कि मुंबई में गुरुवार से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक में विपक्ष की इन मुद्दों पर सहमति बन सकती है।

साल 2023 के अंत तक पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगान और मिजोरम में चुनाव होने हैं। अब एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक एक-दूसरे की विरोधी रहीं पार्टियां लोकसभा चुनाव का माहौल देखने के लिए विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार कर सकती हैं। दरअसल, आगामी चुनाव के नतीजे पार्टियों को गठबंधन में अपना कद तैयार करने का मौका देंगे और साथ ही अन्य दलों की स्थिति की भी जानकारी दे देंगे। खास बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री और विपक्षी गठबंधन को तैयार करने में बड़ी भूमिका निभा चुके नीतीश कुमार जल्दी सीट बंटवारे के पक्ष में हैं। इधर, संयोजक को लेकर खबरे हैं कि विपक्ष कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम को आगे बढ़ा सकता है।

क्या हो रहा है टकराव?
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल जैसी कई पार्टियों के बीच खींचतान की खबरें आती रही हैं। खास बात है कि विस्तार की तैयारी कर रहे कई राजनीतिक दलों को भी गठबंधन के चलते सीमित मौके मिलने की संभावनाएं हैं, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजे माहौल बदल सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष के एक नेता बताते हैं, 'बेंगलुरु कॉन्क्लेव के करीब डेढ़ महीने के बाद हमारी यह बैठक हो रही है। आदर्श तौर पर हमें मुंबई में अध्यक्ष और संयोजक का चुनाव करना चाहिए, लेकिन अगर हम ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो हमें कुछ समितियों और उप समूहों का ऐलान करना चाहिए। और भी ज्यादा गंभीर मुद्दों को बाद में या शायद अगली मीटिंग में उठाया जा सकता है।'

समन्वय समिति पर फैसला
मुंबई में आयोजित बैठक में विपक्षी गठबंधन समन्वय समिति को लेकर भी बड़ा फैसला ले सकता है। कहा जा रहा है कि इसमें समाजवादी पार्टी, सीपीएम, एनसीपी, झामुमो, आरजेडी, शिवसेना (यूबीटी), आप, टीएमसी, डीएमके, कांग्रेस से एक-एक नेता को शामिल किया जा सकता है। समिति में कुल 11 सदस्यों को शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं।

 

Back to top button