बाइडेन-मोदी मीटिंग से पहले भारत ने अमेरिका से मांगे 31 हंटर किलर ड्रोन, जानें- क्या हैं घातक MQ-9B की खूबियां?

नई दिल्ली
जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन आज भारत आ रहे हैं। वह 9 और 10 सितंबर को इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे। उससे पहले 8 सितंबर यानी आज अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय बातचीत होनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगे। इस बैठक से पहले, भारत ने अमेरिका से 31 टॉप हथियारयुक्त MQ-9B हंटर किलर ड्रोन का अधिग्रहण करने के लिए औपचारिक अनुरोध किया है। भारत का लक्ष्य मौजूदा वित्तीय वर्ष में 31  MQ-9B हंटर किलर ड्रोन की खरीद के अंतिम अनुबंध पर हस्ताक्षर करना है।

रक्षा मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले ही दूर से संचालित विमान प्रणाली वाले 31 'हंटर-किलर' की खरीद के लिए विस्तृत LoR (Letter of Rewquest) भेजा है। सूत्रों ने TOI को बताया कि बाइडेन प्रशासन अब अपने विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) कार्यक्रम के तहत अमेरिकी कांग्रेस को लागत और अपेक्षित अधिसूचना के साथ एक या दो महीने के भीतर LoA (Letter of Offer and acceptance) के साथ जवाब देगा।

भारत सरकार ने 31 किलर ड्रोन की खरीद का प्रस्ताव दिया है। इनमें से 15 नौसेना को  और 8-8  सेना और भारतीय वायुसेना को दिए जाने हैं। 15 जून को रक्षा मंत्रालय की प्रारंभिक मंजूरी में सौदे के लिए लगभग 3.1 अरब डॉलर की अनुमानित लागत लगाई गई थी। एक सूत्र ने कहा, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति से मंजूरी के बाद मौजूदा वित्तीय वर्ष के भीतर ही इस ड्रोन के लिए वास्तविक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने पर जोर दिया जा रहा है। भारतीय सशस्त्र बल अगले छह से सात वर्षों में सभी ड्रोनों को अपने बेड़े में शामिल करने का काम पूरा करने का इच्छुक है। इन ड्रोन्स को जनरल एटॉमिक्स (जीए) द्वारा भारत में 'असेंबल' किया जाएगा।

अमेरिका से आने वाला MQ-9B घातक ड्रोन चीन के मौजूद सशस्त्र ड्रोनों- काई होंग-4 और विंग लूंग-II ड्रोन की तुलना में कहीं अधिक सक्षम और घातक है। चीन पाकिस्तान को इसकी आपूर्ति कर रहा है। अमेरिकी घातक ड्रोन  हिंद महासागर में भारत की लंबी दूरी की निगरानी और सटीक हमले की क्षमताओं में नई ताकत जोड़ेगा। यह हिन्द महासागर क्षेत्र के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान के साथ लगी सीमाओं की भी निगरानी करेगा।

क्या हैं खूबियां:
MQ-9B घातक ड्रोन 40 से 50 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। चीन से लगती LAC पर भी यह कारगर होगा। ड्रोन की क्षमता 30 से 40 घंटे तक लगतार उड़ान भरने की है। यह अपने साथ 5,670 किलो तक का वजन ले जा सकता है। इसकी ईंधन क्षमता 2,721 किलो है। पनडुब्बी रोधी, सतह रोधी और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन में MQ-9B घातक ड्रोन कारगर है।

 

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