पंकज त्रिपाठी ने अपने पिता पंडित बनारस तिवारी की याद में गांव के स्कूल में खोली लाइब्रेरी

मुंबई
अपनी शानदार एक्टिंग के लिए जाने जानेवाले एक्टर पंकज त्रिपाठी हाल ही में 'OMG 2' में नजर आए। अपने अलग-अलग किरदार से पंकज त्रिपाठी ने हर किसी का दिल खूब जीता है। इस वक्त वह चर्चा में है एक खास वजह से। दरअसल एक्टर ने अपने दिवंगत पिता पंडित बनारस तिवारी को समर्पित करते हुए एक ऐसी पहल की शुरुआत की जिसकी उनके पैतृक शहर में जमकर तारीफ हो रही है।

पंकज त्रिपाठी ने एक बार फिर गोपालगंज के बेलसंड में हायर सेकेंडरी स्कूल में एक नई लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। शिक्षा और समाज के विकास के लिए एक्टर अक्सर कुछ न कुछ अपनी तरफ से योगदान किया करते हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है।

बुनियादी ढांचे को सुधारने के साथ पावर सप्लाई की सुव्यवस्था
बिहार के गोपालगंज के रहने वाले पंकज त्रिपाठी पहले उस स्कूल का इन्फ्रास्ट्रक्चर बदलने के मिशन पर निकले थे जहां से उन्होंने अपनी पढ़ाई की थी। अपने बड़े भाई के साथ उन्होंने पंडित बनारस तिवारी फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से यह प्रयास किया, जो उनके माता-पिता के सम्मान में बनाया एक ट्रस्ट था। इस प्रॉजेक्ट में स्कूल के बुनियादी ढांचे को सुधारने का काम शामिल था, जिसमें बिजली के उपकरण और कैंपस के लिए पेंट का नया कोट शामिल था। विकास के प्रति पंकज त्रिपाठी के समर्पण के कारण पर्यावरण इको फ्रेंडली सोलर एनर्जी पैनल की स्थापना हुई, जिससे स्कूल की जरूरत के मुताबिक पावर सप्लाई और इलेक्ट्रिसिटी मिलती रहे।

किताबों और साहित्य से पंकज त्रिपाठी का प्यार, लाइब्रेरी बना डाला
इन सुधारों के अलावा, किताबों और साहित्य से पंकज त्रिपाठी का प्यार उन्हें स्कूल कैंपस में एक लाइब्रेरी बनाने के लिए प्रेरित करता रहा और अब ये बनकर तैयार हो चुका है, जिससे वहां की मौजूदा और आनेवाली पीढ़ी को काफी फायदा मिलेगा। अपने पिता की याद में पंकज ने स्कूल और वहां के स्टूडेंट्स को एक ऐसा गिफ्ट दिया है जिसके जरिए बच्चों के पढ़ने की ललक, सीखने और साहित्य के प्रति प्रेम को बढ़ावा दिया गया है जो समय के साथ कायम रहेगा।

'हमारी आने वाले पीढ़ी के लिए योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात'
पंकज त्रिपाठी ने कहा, 'इस लाइब्रेरी को अपने पिता पंडित बनारस तिवारी की याद में समर्पित करते हुए, मैं बेलसंड, गोपालगंज के छात्रों के दिलों में ज्ञान और साहित्य के प्रति आजीवन प्रेम पैदा करने की उम्मीद करता हूं। शिक्षा सबसे बड़ा उपहार है जो हमारी आने वाले पीढ़ी को दे सकते हैं और उनकी सीखने की यात्रा में योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात है।'

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