अडाणी समूह ने हरित हाइड्रोजन के विपणन के लिए कोवा से मिलाया हाथ

नई दिल्ली
अडाणी समूह ने जापान, ताइवान और हवाई के बाजारों में हरित हाइड्रोजन की बिक्री के लिए जापानी समूह कोवा समूह के साथ संयुक्त उद्यम की घोषणा की। संयुक्त उद्यम में अडाणी और कोवा की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। उद्योगपति गौतम अडाणी नीत समूह भारत में पूरी तरह से एकीकृत हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए अगले 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर तक का निवेश करेगा।

इसमें शुरुआती चरण में 10 लाख टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन शामिल है जिसे बाद में बढ़ाकर 30 लाख टन किया जाएगा। समूह की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी, अडाणी ग्लोबल पीटीई लिमिटेड (सिंगापुर) ने हरित अमोनिया, हरित हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव की बिक्री तथा विपणन के लिए कोवा होल्डिंग्स एशिया पीटीई लिमिटेड (सिंगापुर) के साथ संयुक्त उद्यम (जेवी) की घोषणा की है। इसमें दोनों की 50-50 प्रतिशत साझेदारी होगी। संयुक्त उद्यम जापान, ताइवान और हवाई में उत्पादों के विपणन पर ध्यान केंद्रित करेगा।’’

टेस्ला का इस साल भारत से 1.9 अरब डॉलर तक के ऑटोमोबाइल पार्ट्स मंगाने का लक्ष्य है : पीयूष गोयल

नई दिल्ली
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन प्रमुख टेस्ला इंक ने इस साल भारत से 1.9 अरब डॉलर तक के ऑटोमोबाइल पार्ट्स खरीदने की योजना बनाई है। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि पिछले साल टेस्ला द्वारा भारत से आयात किए गए 1 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स की तुलना में आयात लगभग दोगुना होगा।

उन्होंने कहा कि पिछले साल टेस्ला ने पहले ही भारत से 1 अरब डॉलर के कंपोनेंट खरीदे थे और इस साल उनका लक्ष्य 1.7-1.9 अरब डॉलर का है।
मंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इलेक्ट्रिक वाहन ही भविष्य हैं, जिन्हें हमें आकर्षित करने का प्रयास करना चाहिए। गोयल का बयान उन रिपोर्टों के दो महीने बाद आया है, जिनमें कहा गया था कि एलन मस्क की अगुवाई वाली कंपनी ने सरकार के साथ बातचीत की है और अपने ऑटो पार्ट्स व इलेक्ट्रॉनिक्स श्रृंखला को भारत में लाने की संभावना तलाश रही है।

 

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