आदित्य एल-1 पृथ्वी को अलविदा कह सूर्य की ओर चला, आसान नहीं 15 लाख किलोमीटर का सफर

 नई दिल्ली

लॉन्चिंग के बाद 16 दिन तक पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के बाद इसरो के आदित्य एल1 मिशन ने धरती को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। अब आदित्य एल-1 ने अपने गंतव्य लैंग्रेगियन -1 पॉइंट की ओर लंबी छलांग लगा दी है। बता दें कि अब यह मिशन 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने वाला है। चार महीने बाद आदित्य एल-1 ऐसे पॉइंट पर पहुंचेगा जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बैलेंस हो जाता है। यहां से सूर्य का सटीक अध्ययन करना आसान होगा।

समवार और मंगलवार की मध्य रात्रि करीब 2 बजे आदित्य एल-1 पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से निकलकर लैंग्रेजं पॉइंट की तरफ रवाना हो गया। इसरो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बता दें कि बीते 16 दिन के दौरान आदित्य एल1 ने पांच बार अपनी कक्षा में परिवर्तन किया। यह पूरी प्रक्रिया उसी तरह से थी जैसे कि चंद्रयान- 3 को चांद की सतह के लिए रवाना किया गया था।

इसरो ने कहा कि TL1 मैनोवर को सफलतापूर्वक पर्फॉर्म किया गया है। अब स्पेसक्राफ्ट एल-1 पॉइंट की ओर जा रहा है। 110 दिनों के बाद यह एल1 की ऑर्बिट में प्रवेश करेगा। बता दें कि सोमवार को इसरो ने सूर्ययान के बारे में बड़ी जानकारी दी थी। इसरो ने कहा थाकि सूर्ययान के पेलोड ने काम करने शुरू कर दिया है और वह आंकड़े जुटा रहा है। इस पेलोड का नाम स्टेप्स है जो कि पृथ्वी के 50 हजार किलोमीटर दूर का डेटा कलेक्ट कर रहा था।

बता दें कि दो सितंबर को इसरो ने इस मिशन को लॉन्च किया था। इस मिशन का उद्देश्य सूर्य की परतों  के बारे में अध्ययन करना है। खासकर कोरोना के बारे में यह सूर्य मिशन अध्ययन करेगा। अच्छी बात यह है कि इस मिशन का समय नहीं निश्चित है। लंबे समय तक यह इसरो को डेटा भेजता रहेगा।

 

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