आज होंगी क्वालिफाइंग रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में 1000 CC की सुपर बाइक्स ने भरा रोमांच

 नई दिल्ली 
मोटोजीपी भारत 2023 बाइक रेस से बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) में शुक्रवार को रफ्तार का रोमांच शुरू हो गया। सुबह नौ बजे के बाद ट्रैक पर 1000 सीसी की सुपर बाइक गरजने लगीं। राइडर्स ने अभ्यास किया और इसके जरिये ट्रैक को समझने की कोशिश की। स्टैंड पर बैठे लोगों के सामने से जब बाइकें निकलीं तो उन्होंने तालियां बजाकर राइडर्स का उत्साहवर्धन किया।

पहला अभ्यास सत्र मोटोजीपी3 का सुबह नौ बजे से 950 बजे तक चला। मोटोजीपी2 के राइडर्स ने सुबह 10 से 11 बजे तक ट्रैक पर बाइक दौड़ाई। मोटोजीपी के राइडर्स ने 1115 से 1230 बजे तक ट्रैक पर हाथ दिखाए। अभ्यास का दूसरा सत्र सवा बजे शुरू हुआ। शाम 440 बजे तक सभी टीमों के राइडर्स ने अभ्यास किया।

ट्रैक के मोड़, ऊंचाई और चढ़ाई को जाना : टीम के सदस्यों ने प्रैक्टिस के जरिये बीआईसी के ट्रैक को समझने का प्रयास किया। ट्रैक के मोड़, ऊंचाई और चढ़ाई की तकनीक को भी समझा और बाइक दौड़ाई। सुपर बाइक जब स्टैंड के सामने से गुजरती तो लोग उन्हें अपने कैमरों में कैद करने की कोशिश करने लगते।

दोपहर में बढ़े दर्शक : मोटो जीपी बाइक रेस देखने के लिए सुबह के समय दर्शकों की संख्या कम थी। दोपहर बाद दर्शक बढ़ गए। हालांकि, उम्मीदों के अनुरूप भीड़ नहीं आई। आयोजकों को उम्मीद है कि अगले दो दिन स्टैंड पूरी तरह से भरे रहेंगे।

बीआईसी में शनिवार को क्वालिफाइंग मुकाबले होंगे। शुरुआत में अभ्यास मुकाबले खेले जाएंगे। क्वालीफाइंग रेस का समय 15 मिनट का होगा। ट्रैक पर शाम साढ़े तीन बजे तक बाइक फर्राटा भरेंगी।

इन रास्तों से जाएं
●दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ से आने वाले एग्जिट-2ए, 2सी से उतरकर बीआईसी के गेटों से प्रवेश करेंगे। तय स्थल पर वाहन खड़ा कर टिकट में अंकित सीट पर जा सकेंगे।

●आगरा, मथुरा, अलीगढ़ से आने वाले दर्शक चपरगढ़ कट से उतरकर सर्किट के साउथ, ईस्ट जोन गेट से प्रवेश कर सकेंगे। 

सद्गुरु ने भी दौड़ाई मोटरसाइकिल
वहीं, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) में शुक्रवार को ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और योगी जग्गी वासुदेव सद्गुरु ने इंडियन ऑयल ग्रैंड प्रिक्स ऑफ इंडिया की शुरुआत करवाई। उन्होंने खुद भी मोटरसाइकिल दौड़ाई और कहा कि भारत बाइक का देश है। लोग किसी भी साधन से अधिक दोपहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं। सद्गुरु ने कहा कि उन्हें अपने 18वें जन्मदिन के ठीक बाद लाइसेंस मिल गया था, इसलिए उनके लिए बाइक सिर्फ एक परिवहन नहीं है। यह देशभर में जाने की एक तरह की आजादी है। उन्होंने पूरे भारत में कई बार यात्रा की है। उनकी बाइक इन सुपर बाइक की तरह नहीं थी। उनकी बाइक 250 सीसी सिंगल सिलेंडर थी।

उन्होंने कहा कि मैंने मृदा बचाओ आंदोलन का नेतृत्व करते हुए लंदन से दक्षिण भारत तक 100 दिन में 30,000 किलोमीटर की कठिन बाइक यात्रा की। इसका उद्देश्य मिट्टी के अनुकूल नीतियों को लागू करने के लिए राष्ट्रों के बीच जन जागरूकता पैदा करना और समर्थन जुटाना था।

भारत आगे बढ़ रहा
सद्गुरु ने कहा कि जी-20 का आयोजन हो या फिर अंतरिक्ष की बात भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। आर्थिक क्षेत्र में उन्नति हो रही है। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में विश्वस्तरीय मोटर स्पोर्ट्स होना बड़ी बात है। इससे विश्व में ख्याति बढ़ेगी।
 

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