हांगझोउ में तिरंगे का मान बढ़ाने वाली भारतीय हॉकी टीमों का गर्मजोशी से इस्तकबाल

नई दिल्ली
चीन के हांगझोउ में 19वें एशियाई खेल में पदक जीत कर स्वदेश वापस लौटी भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों का यहां गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

सोमवार देर रात नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मौजूद हॉकी प्रशंसकों ने जोरदार तालियों के साथ उनका स्वागत किया। हांगझोउ में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता और भारतीय महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता। राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी तादाद में हॉकी प्रशंसक अपने नायकों का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे।

हॉकी इंडिया के अधिकारियों ने टीम के सदस्यों का मुंह मीठा कराया और उन्हे फूल मालाओं से लाद दिया वहीं भावुक प्रशंसकों ने हॉकी सितारों को घेर लिया। प्रशंसकों ने इस अवसर का जश्न मनाने और टीमों के प्रति अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए हवाई अड्डे पर संगीत बजाया और नृत्य किया। हवाईअड्डे पर एकत्र लोगों में हॉकी खिलाड़ियों के परिवार के सदस्य भी शामिल थे। हॉकी खिलाड़ियों ने भी गर्मजोशी भरे माहौल का आनंद लिया और देश में एक बार फिर खेल की बढ़ती सराहना को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा, “ यह यात्रा अद्भुत रही है। हम एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनने की मानसिकता के साथ हांगझाउ गए थे और उसी के अनुसार खेलना चाहते थे। हम मैच-दर-मैच सुधार करते रहे जिससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा और हम अपने इच्छित परिणाम के साथ वापस आए।”

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक के लिए नौ साल का इंतजार खत्म कर दिया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारत ने फाइनल में जापान को 5-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता और 2024 टोक्यो ओलंपिक के लिए अपना स्थान पक्का किया। एशियाई खेलों में पुरुष फील्ड हॉकी में यह भारत का चौथा स्वर्ण पदक था। भारत ने इससे पहले 1966, 1998 और 2014 में स्वर्ण पदक जीता था।
हरमनप्रीत ने कहा, “ यहां प्रशंसकों की भीड़ देखकर हमें 2024 पेरिस ओलंपिक की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा मिलती है। हमारे पास समय है, हम उन क्षेत्रों पर काम करेंगे जहां हमें सुधार करने की जरूरत है और हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और ओलंपिक कांस्य को स्वर्ण में परिवर्तित करेंगे।”

भारत पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहा, उसने अपने अभियान की शुरुआत उज्बेकिस्तान पर 16-0 से जीत के साथ की और इसके बाद सिंगापुर पर 16-1 से जीत दर्ज की। भारत ने पूल चरण में जापान को 4-2 से हराया और फिर पाकिस्तान को 10-2 से हराकर अपने पड़ोसी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ गोल अंतर से अपनी सबसे बड़ी जीत हासिल की। इसके बाद भारत ने बांग्लादेश पर 12-0 से जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में जगह पक्की की, जहां उन्होंने कोरिया को 5-3 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। भारत ने जापान को 5-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।

इस बीच, भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी कांस्य पदक और पोडियम स्थान हासिल किया और एशियन कॉन्टिनेंटल टूर्नामेंट में अपना सातवां पदक जीता। आगमन पर प्रशंसकों की उपस्थिति से प्रसन्न होकर, भारतीय महिला हॉकी टीम ने उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि टीम आने वाले वर्ष में बेहतर प्रदर्शन जारी रखने के लिए प्रेरित है।

महिला हॉकी टीम की कप्तान सविना ने कहा “यह माता-पिता के लिए हमेशा गर्व का क्षण होता है जब वे हमें प्रमुख प्रतियोगिताओं में पदक के साथ घर लौटते देखते हैं। यहां सभी का समर्थन देखना बहुत अच्छा है और मैं प्रशंसकों को धन्यवाद देती हूं। वे हमें और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं। मुझे भी लगता है युवा खिलाड़ियों के लिए खुशी की बात है क्योंकि वे अपने करियर में पहली बार इस पल को देख रहे हैं और यह उनके लिए एक यादगार अनुभव होगा।”

भारत ने ग्रुप चरण में अपना दबदबा प्रदर्शित किया, सिंगापुर के खिलाफ 13-0 की शानदार जीत के साथ अजेय रहा और इसके बाद मलेशिया पर 6-0 की शानदार जीत दर्ज की। कोरिया के खिलाफ कड़े मुकाबले में 1-1 से ड्रा ने उनके लचीलेपन को प्रदर्शित किया और उन्होंने हांगकांग चीन पर 13-0 की शानदार जीत के साथ पूल ए में अपनी स्थिति पक्की कर ली। हालाँकि, भारत फाइनल में चीन से 0-4 से हार गया और कांस्य पदक मैच में जापान को 2-1 से हराकर पोडियम स्थान हासिल किया।

भारतीय महिला हॉकी टीम अब 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए योग्यता हासिल करने के लिए एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर में प्रतिस्पर्धा करेगी।

 

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