सूरज के ताप को कम कर बचाएंगे धरती, जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के लिए अनोखा आइडिया

नई दिल्ली
धरती के बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन पर काबू के लिए तमाम उपाय अपनाए जा रहे हैं। इस बीच एक नए आइडिया पर भी चर्चा शुरू हो गई है। यह आइडिया है सूरज के तापमान को कम करने का। वैसे तो सुनने में यह काफी हैरानी भरा लगता है, लेकिन वैज्ञानिक स्तर पर इसको लेकर काफी सोच विचार किया जा रहा है। बता दें कि धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। साल 2022 में धरती 1.26 डिग्री सेल्सियस की दर से गर्म हो रही थी। वहीं, 2030 के मध्य तक इसकी दर बढ़कर 1.5 तक हो चुकी है। आशंका है कि इस सदी के अंत तक धरती के गर्म होने की दर बढ़कर 2.5 डिग्री तक हो सकती है। ऐसे में वैज्ञानिक समय रहते इसके लिए कोई जल्द नतीजा देने वाले वाला उपाय अपनाने का रास्ता देख रहे हैं।

यहां से आइडिया
सूरज का ताप कम करने का आइडिया आया ज्वालामुखी फटने की दो घटनाओं से। इनमें से एक घटना साल 1815 में इंडोनेशिया में हुई थी, जबकि दूसरी घटना 1991 में फिलीपीन्स में हुई थी। दोनों ही बार ज्वालामुखी फटने के बाद कुछ सालों के लिए ग्लोबल टेम्प्रेचर में कमी दर्ज की गई थी। असल में जब बड़े पैमाने पर ज्वालामुखी विस्फोट होता है तो एक मोटी परत वायुमंडल में जम जाती है। यह परत कई साल तक यूं ही बनी रहती है। इसके चलते सूरज की चमक कुछ वक्त के लिए मद्धिम पड़ जाती है और तापमान भी कम हो जाता है। अब वैज्ञानिक इसी आइडिया का इस्तेमाल धरती के तापमान को कम करने के लिए करना चाहते हैं।

ऐसे लाएंगे अमल में
गौरतलब है कि धरती सूरज की गर्मी से गर्म होती है और ग्रीनहाउस गैसों के चलते यह गर्मी बरकरार रहती है। ऐसे में ज्वालामुखी विस्फोट जैसे हालात पैदा करके आर्टिफिशियल धुंध पैदा की जा सकती है। शोध बताते हैं कि अगर सूरज की गरमी को एक फीसदी कम किया जा सका तो धरती की गरमी एक डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाएगी। यह सुनने में भले ही असंभव सा लगे, लेकिन जुटाए गए डेटा बताते हैं कि ऐसा करना असंभव नहीं है। इसके लिए वैज्ञानिक बहुत ऊंची उड़ान भरने वाले जेट्स के इस्तेमाल का प्लान बना रहे हैं। इन विमानों को काफी ऊंचाई पर ले जाकर कुछ ऐसे पदार्थ छोड़ दिए जाएं जो सूरज की गरमी को धरती तक पहुंचने के असर को कम कर दें।

मिलेंगे सकारात्मक परिणाम
हालांकि सूरज की गरमी को कम करने से जलवायु परिवर्तन पर पूरी तरह से काबू तो नहीं पाया जा सकता। लेकिन इससे धरती पर कुछ सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस बारे में हुए शोध में दावा किया गया है कि इससे क्लाइमेट रिस्क को कम किया जा सकता है। बता दें लगातार बढ़ते तापमान के चलते धरती पर जीवन कठिन होता जा रहा है। गर्मी के चलते जहां इंसान पर विपरीत प्रभाव पड़ रहे हैं, वहीं सूखे और बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो रहे हैं। दुनिया भर में अलग-अलग प्रजातियां इसके चलते अपनी जगह भी बदल रही हैं।

 

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