जेएलआर इंडिया की बिक्री बीते वित्त वर्ष में 81 प्रतिशत बढ़कर 4,436 इकाई पर

जेएलआर इंडिया की बिक्री बीते वित्त वर्ष में 81 प्रतिशत बढ़कर 4,436 इकाई पर

सिग्नेचर ग्लोबल का शुद्ध ऋण वित्त वर्ष 2023-24 में छह प्रतिशत बढ़ा

वित्त वर्ष 2023-24 में ईंधनों की मांग रिकॉर्ड स्तर पर

नई दिल्ली
 टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की भारत में खुदरा बिक्री बीते वित्त वर्ष (2023-24) में 81 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 4,436 इकाई रही है।

जेएलआर इंडिया ने  बयान में कहा कि 81 प्रतिशत की सालाना वृद्धि 2009 में भारतीय बाजार में प्रवेश के बाद से कंपनी के बेहतरीन प्रदर्शन में से एक है। यह पिछले पांच साल का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।

कंपनी ने कहा कि स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी)- रेंज रोवर और डिफेंडर की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर क्रमश: 160 प्रतिशत और 120 प्रतिशत बढ़ी है।

जेएलआर ने कहा कि 2024 में बाजार में आए नए मॉडल 'डिस्कवरी स्पोर्ट' और 'रेंज रोवर इवोक' की बिक्री की वृद्धि दर क्रमश: 50 प्रतिशत और 55 प्रतिशत रही हैं।

जेएलआर इंडिया के प्रबंध निदेशक राजन अंबा ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने खुदरा बिक्री में कई रिकॉर्ड बनाए, जिससे वित्त वर्ष के अंत में कंपनी मजबूत स्थिति में पहुंच गई।

कंपनी ने कहा कि मार्च तिमाही में उसकी कुल खुदरा बिक्री 43 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 854 इकाई रही।

 

मारुति सुजुकी ने कुछ वाहनों के लिए भारत-एनसीएपी सुरक्षा रेटिंग का किया आवेदन

नई दिल्ली,
मारुति सुजुकी ने अपने कुछ वाहनों के लिए भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत-एनसीएपी) सुरक्षा रेटिंग के लिए आवेदन किया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।

टाटा मोटर्स की एसयूवी सफारी और हैरियर भारत-एनसीएपी के तहत वयस्क तथा बच्चों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा रेटिंग पाने वाले पहले वाहन थे। इन्हें पिछले साल यह रेटिंग दी गई थी। एसयूवी को 5-स्टार रेटिंग दी गई थी।

सरकार ने पिछले साल अगस्त में मोटर वाहन के लिए भारत का अपना व स्वतंत्र सुरक्षा प्रदर्शन मूल्यांकन प्रोटोकॉल 'भारत-एनसीएपी' पेश किया था।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले कहा था इस प्रणाली को अनिवार्य नियमों से परे सड़क व वाहन सुरक्षा मानकों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजमार्ग निर्माण माप पद्धति को 'सड़क किलोमीटर' से 'लेन किलोमीटर' में बदलने पर विचार कर रही है क्योंकि सरकार का ध्यान अब अधिक एक्सप्रेसवे बनाने पर केंद्रित हो गया है जो कम से कम चार लेन के हों।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण की प्रगति को मापने के लिए रैखिक लंबाई पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है।

सिग्नेचर ग्लोबल का शुद्ध ऋण वित्त वर्ष 2023-24 में छह प्रतिशत बढ़ा

नई दिल्ली,
 रियल एस्टेट कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल का शुद्ध ऋण पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में छह प्रतिशत बढ़कर 1,160 करोड़ रुपये हो गया।

कंपनी का वित्त वर्ष 2022-23 में शुद्ध ऋण 1,090 करोड़ रुपये था।

गुरुग्राम स्थित सिग्नेचर ग्लोबल के अनुसार, आवासीय परियोजनाओं के विकास के लिए भूमि अधिग्रहण अधिक करने किए जाने से गत वित्त वर्ष में शुद्ध ऋण में इजाफा हुआ।

सिग्नेचर ग्लोबल ने रविवार को बताया था कि बीते वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी की बिक्री बुकिंग दोगुना होकर 7,270 करोड़ रुपये रही थी। यह 2022-23 में 3,430 करोड़ रुपये थी।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 4,619 इकाइयां बेचीं, जबकि 2022-23 में 4,512 इकाइयों की बिक्री की थी।

 

वित्त वर्ष 2023-24 में ईंधनों की मांग रिकॉर्ड स्तर पर

नई दिल्ली,
 देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, बिटुमिन जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की खपत वित्त वर्ष 2023-24 में पांच प्रतिशत बढ़कर 23 करोड़ 32 लाख 76 हजार टन पर पहुंच गई। आधिकारिक आंकड़ों में यह तथ्य सामने आया है। वित्त वर्ष 2022-23 में देश में पेट्रोलियम पदार्थों की खपत 22 करोड़ 30 लाख 21 हजार टन रही थी।

मुख्य रूप से ट्रकों, बसों और कृषि क्षेत्र द्वारा उपयोग किए जाने वाले डीजल की बिक्री में एक साल पहले की तुलना में 2023-24 में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो देश में आर्थिक गतिविधि के उच्च स्तर को दर्शाता है। वर्ष के दौरान कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ने से पेट्रोल की मांग 6.4 प्रतिशत बढ़ी।

सड़क बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कोलतार की बिक्री 9.9 प्रतिशत बढ़ी। सरकार ने अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू कीं। उर्वरक बनाने में इस्तेमाल होने वाले नेफ्था की बिक्री में भी वर्ष के दौरान ऊंची वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, मार्च के महीने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों की कुल खपत दो करोड़ 10 लाख 91 हजार टन रही जो पिछले पिछले साल मार्च के दो करोड़ 12 लाख 20 हजार टन से कम है।

 

 

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