भारत की देखा-देखी पाकिस्तान ने चांद के लिए अपना चंद्रयान भेजा, क्यों करने लगा चंद्रयान-3 का गुणगान

नई दिल्ली
भारत की देखा-देखी पाकिस्तान ने चांद के लिए अपना चंद्रयान भेजा है। चीन के सहयोग से पाकिस्तान द्वारा भेजा उपग्रह 'आईक्यूब कमर' चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है। 'पोर्ट के मुताबिक, कक्षा में सैटेलाइट के सिस्टम का परीक्षण करने में एक सप्ताह का समय लगेगा। कक्षा में आईक्यूब कमर के नियंत्रकों, इसकी प्रणालियों और प्रोटोकॉल का परीक्षण शुरू हो गया है। पाकिस्तान का मून मिशन भारत के चंद्रयान-3 की तुलना में शैशवावस्था में है और यह बात पाकिस्तान को भी बखूबी मालूम है। यही वजह है कि पाकिस्तान भी भारत के चंद्रयान-3 से अपने मून मिशन की तुलना नहीं करना चाहता है।

उल्लेखनीय है कि हफ्ते पाकिस्तान ने चीन के अंतरिक्ष मिशन 'चेंग ई6' के साथ पाकिस्तान के उपग्रह 'आईक्यूब कमर' को चंद्रमा की कक्षा में भेजा था। उपग्रह को चीन के हेनान स्थित वेनचेंग अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान चंद्रमा की कक्षा में उपग्रह भेजने वाला छठा देश बन गया। उपग्रह आईक्यूब कमर को 3 मई को दोपहर 2:27 बजे लॉन्च किया गया था।

चीन की मदद से पाक ने भेजा अपना चंद्रयान
आईक्यूब कमर को चीन के शंघाई विश्वविद्यालय और पाकिस्तान राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी 'स्पार्को' के सहयोग से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला मिशन है। पाकिस्तानी उपग्रह 'आईक्यूब कमर' दो ऑप्टिकल कैमरों से लैस है जिसका उपयोग चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेने के लिए किया गया है। परीक्षण और योग्यता चरण से सफलतापूर्वक गुजरने के बाद आईक्यूब कमर को चीन के चेंग 6 मिशन से जोड़ा गया।

पाकिस्तान भी मानता है भारत के चंद्रयान का नहीं कोई सानी
इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी की कोर कमेटी के सदस्य डॉ. खुर्रम खुर्शीद ने डॉन न्यूज से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान का सैटेलाइट मिशन 3 से 6 महीने तक चंद्रमा की परिक्रमा करेगा, जिसके बाद चंद्रमा के अनुसंधान के लिए पाकिस्तान के पास अपनी सैटेलाइट तस्वीरें होंगी। डॉ. खुर्रम खुर्शीद ने कहा था कि पाकिस्तान के मिशन की तुलना भारत के चंद्रयान से करना उचित नहीं होगा क्योंकि चंद्रयान-3 चंद्रमा पर उतरने वाला बड़ा मिशन था, लेकिन एक छोटा उपग्रह आईक्यूब कमर चंद्रमा की परिक्रमा करेगा। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का यह मिशन भविष्य में बड़े मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।"

 

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