पन्नू मामले भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को अमेरिकी अदालत में न्याय का सामना करना पड़ेगा, चलेगा केस

वाशिंगटन
न्यूयार्क में खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश के आरोपित भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को अमेरिकी अदालत में न्याय का सामना करना पड़ेगा। अमेरिका के अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड (Merrick Garland) ने कहा कि हम अपने नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं कर सकते। अमेरिका इस पर चुप नहीं रहेगा।

30 जून को हुआ था गिरफ्तार
पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने के आरोपित निखिल गुप्ता को पिछले वर्ष 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। उसके 14 जून को अमेरिका प्रत्यर्पण के बाद सोमवार को न्यूयार्क की संघीय अदालत में पेश किया गया। कोर्ट में निखिल ने खुद को निर्दोष बताया। मामला अमेरिकी डिस्टि्रक्ट जज विक्टर मारेरो को सौंपा गया है। मामले में अगली सुनवाई 28 जून को होगी।

10-10 वर्ष की हो सकती है सजा
अभियोजकों ने निखिल पर पन्नू की हत्या की सुपारी देने और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इन दोनों आरोपों में दोषी पाए जाने पर निखिल को अलग-अलग 10-10 वर्ष की अधिकतम सजा हो सकती है। एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा कि एजेंसी संविधान से प्राप्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा में बाधा पहुंचाने की कोशिश की बर्दाश्त नहीं कर सकती।

निखिल पर क्या है आरोप
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, भारत सरकार के एक कर्मचारी (सीसी-1) ने निखिल गुप्ता व अन्य के साथ मिलकर भारत में पन्नू की हत्या की साजिश रची। सीसी-1 का सहयोगी निखिल भारतीय नागरिक है, उस पर अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी का आरोप है। संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि सीसी-1 ने पिछले वर्ष मई में निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या कराने के लिए राजी किया था।

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