अमरनाथ यात्रा की शुरुआत के लिए की गई ‘प्रथम पूजा’

 श्रीनगर
 हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक अमरनाथ गुफा में शनिवार को 'प्रथम पूजा' की गई।श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष तथा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, ''आज वार्षिक श्री अमरनाथ जी यात्रा के औपचारिक शुभारंभ के अवसर पर प्रथम पूजा की गई। बाबा अमरनाथ जी का आशीर्वाद लिया और सभी लोगों के अच्छे स्वास्थ्य, प्रगति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।''

उन्होंने कहा कि कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर की पवित्र तीर्थयात्रा हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक रही है क्योंकि स्थानीय मुसलमान यात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में मदद करते हैं।

एक अन्य बयान में, उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर की प्राचीन परंपरा रही है कि सभी समुदायों के लोग इस यात्रा में भाग लेते हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। मैं सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत और सेवा करने के लिए एक साथ आएं।''

यात्रियों के लिए एसएएसबी द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं पर बात करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, ''श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड और संबंधित विभागों के अधिकारी तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय कर रहे हैं कि यात्रा सुचारू, सुरक्षित और परेशानी मुक्त हो। हमने श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इस साल यात्रा 29 जून से शुरू होगी।''

यह यात्रा 52 दिन तक चलेगी और 19 अगस्त को रक्षाबंधन तथा श्रावणी पूर्णिमा के साथ समाप्त होगी। हर साल लाखों लोग यहां दर्शन करने आते हैं।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की प्रथम पूजा

बाबा बर्फानी की प्रथम पूजन में अमरनाथ यात्रा के शांतिपूर्वक संचालन के लिए भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया गया। इसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा भी राजभवन से वर्चुअली शामिल हुए। यह परंपरा है कि अमरनाथ गुफा में राज्यपाल/उपराज्यपाल द्वारा ही शिवलिंग की प्रथम पूजा की जाती है।

इस बार अमरनाथ तीर्थ यात्रा की शुरुआत 29 जून से हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। इस बार तीर्थ यात्रा पूरे 52 दिनों की रहेगी। अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
यात्रियों के लिए विशेष इंतजाम

अमरनाथ यात्रा के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस बार श्रद्धालुओं के लिए दोनों रास्तों पर 5G नेटवर्क की सुविधा शुरू की है। साथ ही इनके खाने की व्यवस्था और सेहत पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। सड़कें 14 फीट तक चौड़ी कर दी गई हैं, रास्तों से बर्फ हटाकर रास्ते साफ किए गए हैं।

बाबा बर्फानी की गुफा जम्मू-कश्मीर के बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है। कहा जाता है कि प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का यह शिवलिंग चंद्रमा की रोशनी के साथ बढ़ता और घटता है। श्रावण पूर्णिमा पर ये शिवलिंग पूर्ण आकार में होता है और फिर धीरे-धीरे घटता जाता है।

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